राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, बहाल होगी संसद सदस्यता
नयी दिल्ली, 4 अगस्त (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। मोदी 'सरनेम' को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी। लोकसभा अध्यक्ष अब उनकी सदस्यता बहाल कर सकते हैं या राहुल गांधी शीर्ष अदालत के आदेश के परिप्रेक्ष्य में एक सांसद के रूप में अपनी सदस्यता बहाल करने की अपील कर सकते हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से राहुल की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया।
जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते समय कोई कारण नहीं बताया, सिवाय इसके कि उन्हें अवमानना मामले में शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी थी। शीर्ष अदालत ने ‘चौकीदार चोर है' टिप्पणी पर राहुल गांधी द्वारा बिना शर्त माफी के बाद उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही बंद करते हुए भविष्य में उन्हें और अधिक सावधान रहने की चेतावनी दी थी। शीर्ष अदालत ने राहुल के खिलाफ अवमानना मामले में अपने पूर्व के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि अवमानना याचिका में अपना हलफनामा दाखिल करते समय उन्हें ऐसी टिप्पणियां करने में अधिक सावधान रहने और संयम बरतने की जरूरत है, जो कथित तौर पर मानहानिकारक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल की दोषसिद्धि और उसके बाद संसद की सदस्यता से अयोग्य करार दिये जाने से न केवल सार्वजनिक जीवन में बने रहने के उनके अधिकार को प्रभावित किया, बल्कि मतदाताओं के अधिकार को भी प्रभावित किया। राहुल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने पीठ से कहा कि उनका मुवक्किल कोई दुर्दांत अपराधी नहीं है। शिकायतकर्ता गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ ढेर सारे सबूत हैं। गौर हो कि राहुल ने एक सभा में टिप्पणी की थी कि ‘सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?'
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘यह सिर्फ राहुल गांधी की ही नहीं, संविधान की भी जीत है, लोकतंत्र की जीत है, यह वायनाड के लोगों और मतदाताओं की जीत है। सत्यमेव जयते।' उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराने में 24 घंटे लगे। अब देखते हैं कि उनकी सदस्यता बहाल करने में कितने घंटे लगेंगे। हम लोकसभा अध्यक्ष के आदेश का इंतजार करेंगे।'
कांग्रेस मुख्यालय में जश्न
सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल पार्टी मुख्यालय पहुंचे, जहां कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थन में नारे लगाए और जश्न मनाया। राहुल गांधी के कांग्रेस मुख्यालय ‘24 अकबर रोड' पहुंचने पर उनके साथ उनकी बहन औेर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। कार्यकर्ताओं ने ढोल बजाकर और झंडे लहराकर जश्न मनाया।
सत्य की हमेशा जीत होती है, समर्थकों का धन्यवाद : राहुल
राहुल ने कहा, ‘आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों सच्चाई की जीत होती ही है। मुझे क्या करना है, मेरे मन में स्पष्टता है।' उन्होंने लोगों को उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। इससे पहले राहुल ने ट्वीट किया, ‘चाहे कुछ भी जाए, मेरा कर्तव्य वही रहेगा। भारत की अवधारणा की रक्षा करना।'
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भगवान बुद्ध को उद्धृत करते हुए कहा, ‘तीन चीजों को लंबे समय तक छिपाया नहीं जा सकता : सूर्य, चंद्रमा और सत्य।' उन्होंने कहा, ‘माननीय सुप्रीम कोर्ट को न्यायपूर्ण फैसला देने के लिए धन्यवाद। सत्यमेव जयते।'
यदि सजा एक दिन कम होती, तो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होते, खासकर जब कोई अपराध गैर संज्ञेय, जमानती और समझौता योग्य हो। निचली अदालत के न्यायाधीश से कम से कम यह अपेक्षा थी कि वह अधिकतम सजा देने के लिए कुछ कारण बताते। हालांकि अपीलीय अदालत और हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक को खारिज करने के लिए काफी पन्ने भरे हैं, लेकिन उनके आदेशों में इन पहलुओं पर विचार नहीं किया गया।
- सुप्रीम कोर्ट की पीठ