कांग्रेस को राहत, चुनाव के दौरान कार्रवाई नहीं
नयी दिल्ली, 1 अप्रैल (एजेंसी)
करीब 3,500 करोड़ रुपये के कर मांग नोटिस के संबंध में कांग्रेस को फिलहाल राहत मिल गयी है। आयकर विभाग ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने आयकर विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का यह बयान दर्ज किया कि मामले पर अंतिम फैसला आने तक मौजूदा परिस्थितियों में तुरंत कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। पीठ ने कर मांग नोटिस पर कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई 24 जुलाई तक स्थगित कर दी।
मेहता ने सुनवाई की शुरुआत में कहा, ‘कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी है और चूंकि चुनाव (चुनावी प्रक्रिया) जारी हैं, हम पार्टी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेंगे।’ उन्होंने कहा कि विभाग मामले के औचित्य पर टिप्पणी नहीं कर रहा और सभी अधिकार एवं दावे खुले रहने चाहिए। कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने इस कदम की सराहना की और इसे ‘उदार’ बताया। कांग्रेस ने रविवार को कहा था कि उसे आयकर विभाग से एक बार फिर नया नोटिस मिला, जिसके जरिये आकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक के लिए 1,745 करोड़ रुपये के कर की मांग की गई है। आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस से कुल 3,567 करोड़ के कर की मांग की जा चुकी है।
इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीिडया पर दावा किया कि नियमों के उल्लंघन को लेकर भाजपा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि उस पर 4,600 करोड़ रुपये का जुर्माना बनता है।
‘यह सत्य की जीत’
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी इस राहत का स्वागत करती है। मामले में कांग्रेस की पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता और पार्टी के नेता विवेक तन्खा ने कहा, ‘मैं हर वक्त कहता हूं कि आखिरकार सत्य की जीत होती है। कांग्रेस पार्टी को आज सुप्रीम कोर्ट में जो राहत मिली वह इस बात का प्रमाण है। उन्होंने कहा, ‘पूरे देश में एक माहौल बना है। रामलीला मैदान की रैली के बाद यह सभी को पता चला कि कांग्रेस के खातों पर कार्रवाई करके चुनाव में समान अवसर को जिस तरह से खत्म किया जा रहा था, वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।’