‘आई डिसाइडेड नॉट टू क्राई’ का विमोचन
अरुण नैथानी/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 4 मई
पंजाब के डीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) अर्पित शुक्ला ने कहा है कि जीवन यात्रा के मध्य में जीवन साथी को खोने के बाद तमाम स्त्रियां टूट जाती हैं। यदि कोई स्त्री दुख को ताकत बना धैर्य से हालात का मुकाबला करे तो वह कामयाबी पा सकती है। हिम्मत व संघर्ष से वह न केवल अपनी व्यावसायिक विरासत को बचा पाती है, बल्कि सफलता की नई इबारत भी लिख देती है। उन्होंने कहा कि सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने वाली रितु सिंगल ने न केवल खुद को एक सफल उद्यमी के रूप में प्रतिष्ठित किया, बल्कि अपनी साहित्यिक कृति ‘आई डिसाइडेड नॉट टू क्राई’ से तमाम लोगों को संबल दिया।
सीआईआई उत्तरी क्षेत्र के मुख्यालय में आयोजित एक गरिमामय समारोह में गृहणी से उद्यमी बनी रितु सिंगल की दूसरी किताब ‘आई डिसाइडेड नॉट टू क्राई’ का विमोचन हुआ। पुस्तक विमोचन समारोह में वक्ताओं ने रितु सिंघल के संघर्षमय जीवन को हर आम व्यक्ति के लिये प्रेरक बताया और इस पुस्तक को अन्य भाषाओं में अनुवादित करने का आग्रह किया। पुस्तक पर मुख्य व्याख्यान देने वाली पंजाब सरकार की प्रिंसिपल सक्रेटरी डॉ. राखी गुप्ता भंडारी ने रचना के मन को भिगोने वाले प्रसंगों का जिक्र करते हुए पुस्तक की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। इस मौके पर पूर्व आईएएस अधिकारी व मोटिवेशनल स्पीकर विवेक अत्रे, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित पैरा एथलीट सुवर्णा राज, फिल्म निदेशक ओजस्वी शर्मा ने विचोरोत्तेजक परिचर्चा में भागेदारी की।
दरअसल,’आई डिसाइडेड नॉट टू क्राई’ महज एक आत्मकथा ही नहीं है, बल्कि रितु सिंगल की एक असाधारण संघर्ष की कहानी है। एक ऐसी महिला की कहानी, जिसने कुशल नेतृत्व कर अपने जीवन के भावनात्मक उतार-चढ़ाव का बहादुरी से मुकाबला किया। सशक्त कहानी इस मायने में कि अप्रैल 2007 में अपने पति के असामयिक दुखद निधन के बाद टूटने-बिखरने के बजाय पति के संकटग्रस्त व्यवसाय की कमान संभाली।’ सीआईआई मुख्यालय में आईडब्ल्यूएन के सहयोग से आयोजित विमोचन समारोह में चेयरपर्सन, आईडब्ल्यूएन चंडीगढ़ ट्राइसिटी चैप्टर और कंसल्टेंट साइकोलॉजी डॉ. रुबी आहूजा ने भी विचार रखे।
‘वीमेन एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर 2011’ से सम्मानित रितु सिंगल इससे पहले एक और किताब ‘ए स्टोरी कैन चेंज योर लाइफ’ लिख चुकी हैं। गृहिणी से उद्यमी बनीं रितु ने किताब में अपने पति द्वारा आत्महत्या के बाद उपजे वित्तीय तूफानों, कानूनी लड़ाइयों और सामाजिक चुनौतियों के माध्यम से परेशान व्यवसायों के लिए मार्गदर्शक शक्ति बनकर उभरीं।