विचारों की तीव्रता का रोगों से रिश्ता
अवचेतन में बार-बार दस्तक देने वाले नकारात्मक विचार कालांतर विभिन्न मनोकायिक व्याधियों की वजह बनते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है। किसी भी व्यक्ति या समुदाय ये दीर्घकालीन घृणा का भाव भी रोगों को न्योता देता है।
डॉ. एके अरुण
अगर लंबे समय तक किसी से नफरत की जाए तो उसका असर शरीर पर दिखने लगता है। यह खतरनाक भावना इंसान को एंग्जाइटी, बेचैनी और शक में घेर कर उसे मानसिक रूप से बीमार कर देती है। कई बार इंसान पैरानोया यानी पागलपन तक का भी शिकार हो जाता है। इस बात पर कई अध्ययन किए गए हैं कि नफरत शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से कैसे हम पर बुरा प्रभाव डालती है। इन सभी अध्ययनों से यह पता चला है कि नफरत हमारे शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित करने से पहले हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करती है।
मस्तिष्क है शरीर की आंतरिक अलार्म प्रणाली
जब आप नफरत की ज्वाला में सुलग रहे होते हैं, तो मस्तिष्क हमेशा खतरे या नुकसान की संभावना महसूस करता है, जिसके फलस्वरूप हमारे मस्तिष्क में मौजूद लाखों फाइबर तंत्रिकाएं पूरे शरीर में कुछ विशेष प्रकार के रसायनों को छोड़ते हैं। ये रसायन कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन), एड्रेनालाइन और नॉरएड्रेनालाइन हैं। यह हमें घृणा की अवस्था में आक्रामक रूप से प्रतिक्रिया करने के लिए तैयार करता है, यह आक्रामक प्रतिक्रिया या तो खुद के बचाव में होती है या सामने वाले के ऊपर हमले के रूप में। जब हम नफरत की इस ज्वाला में नियमित रूप से झुलसते रहते हैं, तो यह रसायन शरीर में बार-बार और तेजी से जारी होता रहता है। जिसकी वजह से हमारी एड्रिनल ग्लैंड प्रभावित होती है जो वजन बढ़ाने, अनिद्रा, चिंता, अवसाद और अन्य पुरानी बीमारी को सक्रिय करने का कारण बन सकता है। धीरे-धीरे इन रसायनों की हमारे शरीर की प्रतिक्रिया तंत्रिका, प्रतिरक्षा और अंतःस्रावी प्रणाली पर एक विशेष प्रकार की निर्भरता बन जाती है जिससे विभिन्न बीमारियां होने की संभावना बन जाती हैं जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर और ऑटो-इम्यून डिजीज आदि।
छुटकारा पाने में मददगार उपाय
लोग अकसर अपनी नफरत की भावनाओं को नजरअंदाज कर देते हैं या अपनी नफरत के लिए दूसरों को उचित ठहराते हैं और दोष देते हैं। समय के साथ अनसुलझी नकारात्मक भावनाएं बढ़ती और तीव्र होती हैं, जो मन और शरीर को प्रभावित करती हैं। कुछ ऐसी युक्तियां यानी टिप्स हैं जो नफरत से छुटकारा पाने में मदद कर सकतें हैं :
निगेटिव भाव को स्वीकार करना
स्वीकार करें कि आप घृणा महसूस करते हैं। इसे स्वीकार करने से इस भावना से निपटना शुरू किया जा सकता है और समस्या का समाधान खोजा जा सकता है।
कारण की तलाश
नफरत का मूल कारण समझें। नफरत आमतौर पर डर,असुरक्षा या अविश्वास से उत्पन्न होती है।
बनें खुद का ही बेहतर वर्जन
अपनी तुलना दूसरों से न करें। इसके बजाय स्वयं का सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने का प्रयास करें।
त्वरित प्रतिक्रिया से बचाव
जब आप नफरत या क्रोध महसूस करते हैं, तो बेहतर होगा कि आप एक कदम पीछे हट जाएं और क्षणिक उत्तेजना में प्रतिक्रिया करने से बचें। जब आप घृणा और क्रोध महसूस कर रहे हों तो सही निर्णय लेना कठिन होता है।
पसंदीदा गतिविधि
घृणा या क्रोध महसूस करते समय, आप स्थिति से छुट्टी लेने, टहलने जाने, पालतू जानवरों के साथ खेलने या कोई ऐसी गतिविधि करने पर विचार कर सकते हैं जो आपको आनंददायक लगे।
अपनों से दिक्कत साझा करना
समस्या को नज़रअंदाज़ करने के बजाय उसका सामना करें। समस्या का समाधान ढूंढने का प्रयास करें। आप किसी ऐसे व्यक्ति से बात करने पर विचार कर सकते हैं जिस पर आप भरोसा करते हैं, जैसे कोई करीबी दोस्त, परिवार या साथी।
थेरेपिस्ट या काउंसलर की मदद
आप किसी थेरेपिस्ट या काउंसलर की मदद लेने पर भी विचार कर सकते हैं। वे आपकी भावनाओं और नफरत की उत्पत्ति को समझने के लिए आपका मूल्यांकन कर सकते हैं। उपचार में आम तौर पर नकारात्मक भावनाओं को प्रबंधित करने और मुकाबला तंत्र विकसित करने में मदद करने के लिए परामर्श शामिल होता है। यदि आवश्यक हो तो दवा निर्धारित की जा सकती है।