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50 की उम्र के बाद नियमित जांच से प्रोस्टेट कैंसर से बचाव : डॉ. संतोष कुमार

09:17 AM Oct 14, 2024 IST
चंडीगढ़ सेक्टर 27 के कम्युनिटी सेंटर में आयोजित प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता शिविर के दौरान पीजीआई के यूरोलॉजी विभाग के प्रो. डॉ. संतोष को सम्मानित करते आयोजक। -ट्रिब्यून फोटो

चंडीगढ़, 13 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
पीजीआई के वरिष्ठ यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार ने कहा कि 50 वर्ष की आयु के बाद पुरुषों में प्रोस्टेट की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन इससे बचाव संभव है। यदि लोग समय पर जागरूक रहें। डॉ. संतोष कुमार ने यह बात सेक्टर 27 के कम्युनिटी सेंटर में वरिष्ठ नागरिकों को संबोधित करते हुए कही। मुख्य अतिथि देवेश मौदगिल ने कहा कि भारतीय खानपान में संतुलन और औषधीय तत्वों का समावेश हमें स्वस्थ रखने में मदद करता है। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ हमें अपने भोजन में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध औषधीय तत्वों से भरपूर फल और हरी सब्जियों को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, दैनिक जीवन में संतुलन और नियमित व्यायाम से कैंसर जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। युवाओं को सोशल मीडिया पर फैली भ्रामक और अधूरी सेहत संबंधी जानकारियों से बचना चाहिए।
ग्लोबल अलायन्स फॉर राइट्स एंड ड्यूटीज, सीनियर सिटिजन एसोसिएशन और वन वे फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से इस प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर चंडीगढ़ के पूर्व मेयर देवेश मौदगिल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में पार्षद राम चंद्र यादव, यूरोलॉजिस्ट डॉ. संतोष कुमार, सीनियर सिटिजन एसोसिएशन के चेयरमैन पीपी जैन, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष शिखा निझावन और फायर अवेयरनेस एंड सेफ्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष जसज्योत सिंह भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

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जागरूकता जरूरी

डॉ. संतोष कुमार ने कहा कि प्रोस्टेट कैंसर को चौथी स्टेज तक पहुंचने से पहले ही रोकना आवश्यक है। 50 वर्ष की आयु के बाद हर वर्ष पीएसए टेस्ट करवाना चाहिए ताकि प्रारंभिक चरण में प्रोस्टेट की जांच हो सके। अगर समय पर जांच नहीं होती, तो कैंसर किडनी और हड्डियों में फैल सकता है, जिसका उपचार मुश्किल हो जाता है। जागरूकता के माध्यम से हर व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है और प्रोस्टेट कैंसर को रोका जा सकता है।

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