हिमाचल बाहरी राज्यों के मजदूरों का पंजीकरण अनिवार्य
शिमला, 3 अक्तूबर(हप्र)
हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। ये पंजीकरण संबंधित पुलिस थानों में होगा। पंजीकरण के बगैर मजदूर पंचायतों में जाकर काम नहीं कर सकेंगे। इसके साथ -साथ ठेकेदारों के पास बतौर कामगार, कंपनियों और दुकानों में काम करने वाले मजदूरों को पहचान पत्र बनाना अनिवार्य किया गया है।
बगैर पहचान पत्र के काम करते हुए किसी मजदूर के पकड़े जाने की स्थिति में कंपनी के मालिक व ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी। पंजीकरण के लिए मजदूरों और कर्मचारियों को पुलिस थानों में अपना पासपोर्ट, फोटो, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज जमा कराने होंगे। इसके बाद पुलिस मजदूरों की वेरिफिकेशन करेगी। बुधवार को आयोजित ग्राम सभाओं में मजदूरों का पंजीकरण किए जाने पर सहमति बनी है।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले कई लोग बिना पंजीकरण के सामान बेचते हैं। कोई कंबल, कोई कपड़े बेचने वाला लोगों के घरों में जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में कबाड़ एकत्र करने वाले लोगों के पास कोई पहचान पत्र नहीं होता है। पंचायत प्रधानों को भी इन लोगों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। गांव व पंचायत का कोई भी व्यक्ति इनसे पहचान पत्र की जानकारी ले सकता है।
स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाने की कवायद तेज
हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाने की कवायद तेज हो गई है। स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी बनाने के मकसद से उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता वाली कमेटी की पहली बैठक बृहस्पतिवार को विधानसभा के समिति कक्ष में हुई। बैठक में समिति सदस्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्व सिंह, समिति सदस्य लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, समिति सदस्य अनिल शर्मा, सतपाल सिह सत्ती, रणधीर शर्मा, हरीश जनारथा व प्रधान सचिव शहरी विकास दिवेश कुमार विधान सभा सचिव यशपाल शर्मा तथा आयुक्त नगर निगम शिमला भूपेन्द्र अत्री भी मौजूद थे। समिति के सदस्य रणधीर शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बैठक में 2014 की केंद्र सरकार की स्ट्रीट वेंडर्स नीति तथा 2016 में इसे लेकर राज्य में बनाए गए नियमों को लेकर प्रस्तुति दी गई। उन्होंने कहा कि समिति के सभी सदस्यों ने स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी को लेकर सुझाव भी दिए। समिति आम लोगों व बुद्धिजीवियों से भी इस बारे सुझाव लेगी। उन्होंने कहा कि समिति की 4 नवंबर को दूसरी बैठक होगी। इस बैठक में सुझावों पर गौर किया जाएगा।