केजरीवाल को पद से हटाने की याचिका पर सुनवाई से इनकार
नयी दिल्ली, 4 अप्रैल (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। कार्यवाहक चीफ जस्िटस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा, ‘कई बार राष्ट्रीय हित को निजी हित से ऊपर रखना पड़ता है लेकिन यह उनका व्यक्तिगत फैसला है। हमें एक अदालत के तौर पर कानून के अनुसार चलना होगा। आपका समाधान यहां नहीं, कहीं और है। आप सक्षम प्राधिकरण के पास जाइए।’
याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता के वकील ने कहा कि अदालत ने याचिका वापस लेने का निर्देश दिया है। वह उपराज्यपाल के समक्ष अपनी अर्जी लेकर जाएंगे। उधर, केजरीवाल तिहाड़ जेल की अपनी कोठरी में अपना ज्यादातर वक्त ध्यान लगाने, किताबें पढ़ने और योग करने में बिता रहे हैं। मुख्यमंत्री को उनकी कोठरी में एक टीवी उपलब्ध कराया गया है जिसमें 20 चैनल हैं।
सामान्य व्यक्ति के तौर पर मिल सकते हैं मान : तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जेल में बंद दिल्ली के अपने समकक्ष और आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल से एक सामान्य व्यक्ति के तौर पर ‘मुलाकात जंगला’ में मिल सकते हैं। मान ने एक दिन पहले मिलने की अनुमति मांगी थी।
सुनीता ने फिर पढ़ा पति का संदेश
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने तिहाड़ जेल से एक संदेश भेजकर आप के सभी विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में प्रतिदिन जाने को कहा है। सुनीता ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने संदेश में कहा कि भले ही वह जेल में हैं, लेकिन दिल्ली के दो करोड़ लोग उनका परिवार हैं और उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
संकल्प मजबूत हुआ : संजय सिंह
आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि जेल में छह महीने बिताने के बाद तानाशाही के खिलाफ लड़ने का संकल्प मजबूत हुआ है। जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन भी जल्द रिहा होंगे। संजय सिंह राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समााधि पर भी गए।
आरोपियों को चार्जशीट की प्रति दे ईडी : अदालत दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली जल बोर्ड के ठेके देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित धनशोधन मामले में आरोपियों को आरोप पत्र की एक प्रति प्रदान करने का प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश दिया। अदालत ने दस्तावेजों की जांच के लिए मामले की सुनवाई 20 अप्रैल को तय की है।