पंचायत तकनीकी सहायकों के मामले में याचिका दायर करने में हुई देर को माफ करने से इनकार
शिमला, 6 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पंचायतों में लगे तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान देने और उन्हें राज्य सरकार की नीति के तहत नियमित करने के आदेशों को चुनौती देने में हुई देरी को माफ करने से इनकार कर दिया है। परिणाम स्वरूप सरकार की अपील भी खारिज हो गई है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा कि एकल पीठ के फैसले पर सवाल उठाना सरकार का अधिकार है लेकिन उसे फैसले की प्रति हासिल करने के बाद निर्धारित 30 दिनों की अवधि के भीतर अपील दायर करने के लिए कदम उठाने चाहिए थे।
प्रशासनिक प्रक्रिया के कारण देरी की दलील पर सरकार को देर से अपील दायर करने की अनुमति नहीं दी सकती। 25 सितम्बर 2023 को एकल पीठ ने उक्त तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतन देने और नियमित करने के आदेश जारी किए थे। सरकार ने एक मामले में इस फैसले को 213 दिनों की देरी को माफ करने के आवेदन के साथ खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी थी।
पंचायती राज विभाग के अनुसार यह मामला 1 नवम्बर 2023 को कानून विभाग के समक्ष उठाया गया था कि क्या एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी जानी चाहिए या नहीं। कानून विभाग ने 3 जनवरी 2024 को राय दी थी कि एकल पीठ के निर्णय को चुनौती देने की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद वित्त विभाग ने कार्मिक विभाग से परामर्श किया। कार्मिक विभाग ने फैसले को चुनौती देने की सलाह दी और अंततः मामला 18 जून 2024 को मंत्रिमंडल की बैठक में रखा गया और कैबिनेट ने एकल पीठ के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का निर्णय लिया।
इसके बाद हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी। उक्त तकनीकी सहायकों द्वारा दायर याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार वर्ष 2005 में केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) बनाया था। जिसका मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से कम से कम 100 दिन का गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध कराना था। प्रदेश सरकार ने 7 अप्रैल 2008 को ग्राम पंचायत स्तर पर तकनीकी सहायकों को नियुक्त करने के लिए अधिसूचना जारी की। सरकार ने इनके लिए वेतन निर्धारण के नियम भी बनाए। नियमित तकनीकी सहायक को 10300-34800 और 3000 रुपये का ग्रेड पे एवं अनुबंध सहायकों को 5910 और सिर्फ 3000 रुपये के ग्रेड पे का प्रावधान किया गया था। राज्य सरकार ने 23 जुलाई 2019 को तकनीकी सहायक के 1081 पद स्वीकृत करने का निर्णय लिया और वर्ष 2020 में 115 खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई। याचिकाकर्ताओं को इस चयन प्रक्रिया में अनुबंध आधार पर नियुक्त किया गया था।