आढ़तियों का कमीशन घटाना व्यापारी विरोधी फैसला
फतेहाबाद, 11 अप्रैल (हप्र)
बृहस्पतिवार को प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने फतेहाबाद अनाज मंडी का दौरा करके आढ़ती व किसानों की समस्याएं सुनी व अनाज खरीद का जायजा लिया। दौरे के बाद मीडिया से बात करते हुए बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार के अनाज खरीद, उठान व फसल भुगतान के सभी दावे फेल सिद्ध हुए हैं। सरकार ने किसानों की सरसों पूरी खरीद न करके भी ज्यादती करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अनाज खरीद, उठान व भुगतान 72 घंटे में न करने से किसान व आढ़ती में भारी नाराजगी है।
बजरंग गर्ग ने कहा कि सरसों खरीद का भुगतान 15 दिनों से सरकार ने किसानों को नहीं किया है। यहां तक कि सरसों खरीद का उठान मंडियों में न होने के कारण मंडी सरसों से भरी हुई है। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बजरंग गर्ग ने कहा कि गेहूं की सरकारी खरीद 1 अप्रैल से मंडियों में शुरू हो चुकी है, जबकि गेहूं का एमएसपी 2275 रुपए प्रति क्विंटल है, जिसकी 2.5 प्रतिशत आढ़त के हिसाब से आढ़तियों के 56.87 रुपए कमीशन बनता है, मगर सरकार ने आढ़तियों को 10.99 रुपए कम करके 45.88 रुपए देने का आदेश जारी किया है। इसी प्रकार धान पर भी 9.19 रुपए कम कमीशन आढ़तियों
को सरकार दे रही है। आढ़तियों को कमीशन कम देने से व्यापारियों में सरकार के प्रति बड़ी भारी नाराजगी है।
बजरंग गर्ग ने कहा कि भाजपा सरकार में आढ़ती को आढ़त व मजदूरों को पूरी मजदूरी व किसानों को फसल पूरे भाव नहीं मिल रहे हैं, जिसके कारण आढ़ती व किसानों में सरकार के प्रति बड़ी भारी नाराजगी है। यहां तक कि सरकार की तरफ से मंडियों में सरसों व गेहूं खरीद के लिए कोई भी पुख्ता प्रबंध तक नहीं हैं। अनाज मंडियों में सफाई व्यवस्था, पीने का पानी, चौकीदार व किसान भवन में किसानों के लिए कोई व्यवस्था तक नहीं है। किसान को अपनी फसल बेचने के लिए मंडियों में कई-कई दिनों तक धक्के खाने पड़ रहे हैं। बजरंग गर्ग ने केंद्र सरकार से गेहूं निर्यात पर रोक हटाने की अपील की है। किसान की गेहूं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिकने से किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर अनाज मंडी प्रधान जगदीश भादू, अग्रवाल सभा के सचिव सुरेंद्र मित्तल, व्यापार मंडल प्रधान अशोक नारंग, प्रदेश सचिव श्याम सुंदर बंसल, उपप्रधान रामनिवास शर्मा, कोषाध्यक्ष मखन लाल जिंदल, सचिन रमेश नागपाल, रामनिवास गर्ग सहित काफी व्यापारी थे।