कैथल सहित प्रदेश के 4 जिलों में बरसात का रेड अलर्ट, ओले गिरने की संभावना
कैथल, 30 मार्च (हप्र)
मार्च के अंत में मौसम फिर से करवट बदल रहा है। मौसम विभाग ने कैथल, कुरुक्षेत्र अंबाला और पंचकूला जिलों में बरसात का रेड अलर्ट जारी किया है। बाकी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान तेज बरसात के साथ ओलावृष्टि हो सकती है।
इसके अलावा मौसम विभाग ने 22 जिलों में रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। यह भी चेतावनी दी है कि इस दौरान 60 से 70 किलोमीटर की स्पीड से हवाएं चलेंगी। इस दौरान हरियाणा के पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत, अंबाला में भी हालात खराब रहेंगे। इसके साथ 31 मार्च से लेकर 3 अप्रैल तक भी ऐसे ही हालात रहेंगे। मार्च में अब तक10 प्रतिशत से अधिक बरसात हो चुकी है।
इस बार 1 मार्च से लेकर 28 मार्च तक15.5 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है, जबकि औसतन इस अवधि में 14.1 मिलीमीटर होती है। इसलिए यह आंकड़ा 10 प्रतिशत अधिक पहुंच गया है। मौसम विभाग ने बारिश और ओलावृष्टि के बाद अधिकतम और न्यूनतम तापमान का पूर्वानुमान जारी किया है। विभाग की ओर से कहा गया है कि मौसम में बदलाव से दिन के अधिकतम तापमान में लगभग 9 डिग्री गिरावट आएगी। वहीं, न्यूनतम तापमान में कोई गिरावट नहीं होगी। यह 15 से लेकर 17 डिग्री तक स्थिर रहने के आसार हैं। शनिवार को सुबह 8 बजे तक कैथल का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो दिन चढ़ने के बाद एक से दो डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है। प्रदेश में भी शनिवार का तापमान 30 के आसपास रहने का अनुमान है।
किसानों के माथे पर खिंची चिंता की लकीरें
मौसम का मिजाज बिगड़ने के कारण किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। अब तक मार्च के दौरान हुई बरसात और ओलावृष्टि से गेहूं व सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है। कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक डॉ. रमेश वर्मा का कहना है कि गेहूं की फसल में दाना पड़ चुका है। ऐसे में अगर तेज बरसात या ओलावृष्टि होती है तो गेहूं की फसल को नुकसान होगा और दाना खराब हो सकता है। तेज हवा के कारण गेहूं में सरसों की फसल बच सकती है, जिससे नुकसान बढ़ सकता है। इस दौरान अगर अधिक बरसात हुई तो किसानों को ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।
बरसात के साथ चली तेज हवाओं से गेहूं की फसल को नुकसान
जगाधरी, 30 मार्च (निस) शनिवार को अलसुबह जगाधरी आदि इलाकों में बरसात के साथ तेज हवाएं चलने से गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ। करीब एक घंटे तक तेज हवाएं चलती रही। जानकारी के अनुसार इससे जगाधरी, बूडिया, खदरी, दादुपुर, खारवन, अमादलपुर, कनालसी, महिलांवाली, पंजेटो, मांडखेड़ी, चनेटी, फतेहपुर, परवालो, भेड़थल, नाभ, भूखड़ी, मानकपुर आदि इलाके में गेहूं की फसल नीचे गिर गई। किसान सुशील कुमार, रोहित सिंह, महेंद्र सिंह, प्रेम चंद, धर्मपाल आदि ने बताया कि एक माह के अंदर गेहूं की फसल को दो बार मार पड़ चुकी है। उनका कहना है कि अब 70 फीसदी गेहूं की फसल पक चुकी है। जल्दी ही इसकी कटाई शुरू हो जाएगी। किसानों का कहना है कि एक बार फसल नीचे गिरने से पैदावार कम हो जाती है। किसान प्रदीप कलेसर का कहना है कि उनके इलाके में गेहूं की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। कृषि विभाग के सहायक पौध संरक्षण अधिकारी डा. सतीश कुमार का कहना है कि कुछ इलाकों में तेज हवाएं चली हैं, इससे फसल गिरी है।