नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया रहेगी जारी, आचार संहिता नहीं अड़चन
चंडीगढ़, 20 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा लोकसेवा आयोग (एचपीएससी) और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा सरकारी नौकरियों के लिए शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया पर आदर्श चुनाव आचार संहिता का असर नहीं पड़ेगा। दोनों आयोग अपनी भर्ती प्रक्रिया को जारी रख सकेंगे। इतना ही नहीं, विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की प्रमोशन पर भी किसी तरह की अड़चन आचार संहिता की वजह से नहीं आएगी।
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने मंगलवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में उठे सवालों के जवाब में स्थिति स्पष्ट की। चुनावों की घोषणा की वजह से भर्ती प्रक्रिया में शामिल युवाओं की धड़कनें बढ़ी हुई थीं। उन्हें लगता था कि अब आयोग भर्ती प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा पाएगा लेकिन अब आयोग ने स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट करके उन्हें बड़ी राहत दी है। 16 अगस्त को चुनावों की घोषणा हुई थी और इसी दिन सरकार ने बड़ी संख्या में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के तबादले भी किए थे।
कांग्रेस ने सरकार पर आचार संहिता लागू होने के बाद तबादले करने के आरोप लगाते हुए आयोग को शिकायत की थी। आयोग ने कांग्रेस की शिकायत को खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने चयन एजेंसियों द्वारा निकाली जा रही भर्ती को लेकर भी शिकायत की थी। आयोग की ओर से इसका जवाब भी कांग्रेस को भेज दिया है। 17 अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी। उस समय सरकार की ओर से कहा गया था कि इन फैसलों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग को लिखा गया है। आयोग की मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट के फैसले लागू होंगे। इस संदर्भ में पूछने पर पंकज अग्रवाल ने कहा कि अभी तक उनके पास कैबिनेट के फैसलों को लेकर किसी तरह की सूचना सरकार की ओर से नहीं आई है। वहीं आईएएस और एचसीएस अधिकारियों के तबादलों को लेकर अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने इस संदर्भ में पहले ही परमिशन ले ली थी।
40 लाख होगी खर्च की लिमिट
विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी अधिकतम 40 लाख रुपये चुनाव पर खर्च कर सकेंगे। इसके लिए अलग से बैंक खाता मेनटेन करना होगा। साथ ही, चुनाव सम्पन्न होने के एक माह के भीतर आयोग को खर्च का पूरा ब्यौरा देना होगा। पिछले दिनों भारत के चुनाव आयोग के सामने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने खर्च की सीमा बढ़ाने की मांग की थी। आयोग की ओर से इस पर अभी तक निर्णय नहीं लिया है।
इस बार 817 अधिक पोलिंग स्टेशन : लोकसभा चुनावों के मुकाबले इस बार विधानसभा चुनावों में आयोग ने राज्य में 817 अधिक मतदान केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में कुल 20 हजार 629 मतदान केंद्र होंगे। इनमें 7132 शहरों और 13 हजार 497 गांवों में स्थापित होंगे। नब्बे सीटों के लिए पहली अक्तूबर को सुबह 7 बजे से मतदान शुरू होगा। डीजीपी की ओर से भेजी रिपोर्ट के बाद आयोग ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्द्ध-सैनिक बलों की 255 कंपनियों की डिमांड केंद्र से की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अभी तक हरियाणा को 70 कंपनियां अलॉट की जा चुकी हैं। जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।
4 लाख से ज्यादा युवा पहली बार करेंगे वोट
राज्य में 4 लाख 83 हजार 896 युवा मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। 20 से 29 आयु वर्ग में 41 लाख 52 हजार 806 मतदाता हैं। दो लाख 42 हजार 818 मतदाता 85 साल से अधिक आयु के हैं, जिन्हें घर से वोट डालने की सुविधा मिलेगी। 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग मतदाताओं को भी घर से ही वोटिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी। मतदान केंद्रों पर जाकर भी मतदान करने का विकल्प खुला रहेगा। घर से वोट डालने के लिए बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को स्वयं को पंजीकृत कराने के लिए फार्म 12-डी भरना होगा।
सभी मतदान केंद्रों पर लगेंगे सीसीटीवी
प्रदेश में सभी नब्बे सीटों पर ईवीएम से मतदान होगा। निर्वाचन विभाग के पास 25 हजार 788 कंट्रोल यूनिट और 41 हजार 434 बैलेट यूनिट हैं। 27 हजार 741 वीवीपैट मशीन उपलब्ध हैं। सभी मतदान केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे होंगे। गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत जैसे बड़े शहरों में बहुमंजिला इमारतों में पहली बार 214 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इसी तरह झुग्गी-झोपड़ियों में 81 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे ताकि मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी की जा सके।