88 साल बाद बरसा रिकाॅर्ड पानी, राजधानी में जलभराव से जनजीवन ठप
नयी दिल्ली, 28 जून (एजेंसी)
दिल्ली में शुक्रवार को मॉनसून के पहले दिन लगातार तीन घंटे तक बारिश हुई जो पिछले 88 सालों में इस महीने हुई सर्वाधिक वर्षा है। बारिश के कारण दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 की छत का एक हिस्सा ढहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि उड़ानों का संचालन निलंबित कर दिया गया। पानी के संकट से जूझ रही ‘प्यासी’ िदल्ली के कई हिस्से जलमग्न हो गए। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1936 के बाद शहर में पिछले 88 वर्षों में जून में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है। तड़के हुई भारी बारिश राष्ट्रीय राजधानी को घुटनों पर ले आई, जिसकी वजह से रोहिणी इलाके में करंट लगने से 39 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। इसके अलावा वसंत विहार में निर्माणाधीन दीवार गिरने पर तीन मजदूर उसके नीचे दब गए। शाम तक बचाव कार्य जारी रहा और हर बीतते मिनट के साथ उनके जिंदा बचे होने की उम्मीदें दम तोड़ने लगीं। दिल्लीवासी सुबह जब सोकर उठे तब तक भारी बारिश राजधानी को तर-बतर कर चुकी थी। इस दौरान लोगों के घरों में पानी भर गया, वाहन डूब गए और मीलों लंबा यातायात जाम लग गया, जिसे खत्म होने में घंटों लग गए। हजारों यात्री सड़कों पर फंसे रहे, जिनमें से कई अपने कार्यालय और दूसरे कामों पर नहीं जा सके। बारिश के बाद प्रगति मैदान की सुरंग बंद कर दी गई। इसके अलावा लुटियंस दिल्ली, हौज खास, साउथ एक्सटेंशन और मयूर विहार जैसे पॉश इलाकों समेत पूरे शहर में घरों में पानी भरने की खबरें मिली हैं। सफदरजंग वेधशाला ने शुक्रवार सुबह 8:30 बजे से पहले के 24 घंटों में 228.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की, जो जून की औसत बारिश 74.1 मिमी से तीन गुना अधिक है।
हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 पर बारिश के बीच एक दुखद घटना हुई। सुबह करीब पांच बजे, प्रस्थान क्षेत्र का छत का हिस्सा गिर गया, जिसके चलते कई लोग उसमें फंस गए। इसके अलावा, इसे सहारा देने वाले लौह स्तंभ भी गिर गए, जिससे वहां खड़ी कारें दब गईं। सूत्रों ने बताया कि रमेश कुमार नामक टैक्सी चालक को एक कार से निकाला गया जिस पर लोहे का स्तंभ गिरा हुआ था। उन्होंने कहा कि कुमार को टर्मिनल के पास मेदांता अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति बाधित
दिल्ली में भारी बारिश के चलते जलभराव वाले इलाकों में बिजली का करंट फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर और कुछ क्षेत्रों में तकनीकी खराबी के कारण बिजली आपूर्ति बाधित रही। द्वारका, जंगपुरा और लक्ष्मीनगर के लोगों ने बताया कि इन क्षेत्रों में सुबह बारिश शुरू होते ही बिजली आपूर्ति ठप पड़ गई। निजामुद्दीन, जंगपुरा, द्वारका सेक्टर-सात, पीतमपुरा के कुछ हिस्से, रोहिणी, मॉडल टाउन, मुखर्जी नगर, तिमारपुर, हौजखास के कुछ इलाके, ग्रीन पार्क, मायापुरी, संगम विहार, पहाड़गंज, सदर बाजार, राम नगर, बाड़ा हिंदू राव, करावल नगर, सोनिया विहार, सीलमपुर, लक्ष्मी नगर और त्रिलोक पुरी सहित कई इलाकों में अलग-अलग समय के दौरान बिजली आपूर्ति ठप रही।
आतिशी ने की आपात बैठक
दिल्ली सरकार ने स्थिति का जायजा लेने के लिए दोपहर में एक आपातकालीन बैठक की। दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा, “1936 के बाद पहली बार दिल्ली में 24 घंटे में 228 मिलीमीटर बारिश हुई। इसका मतलब है कि दिल्ली में कुल मानसूनी बारिश (800 मिलीमीटर) में से 25 प्रतिशत बारिश सिर्फ 24 घंटे में हुई। इस वजह से कई इलाकों में नाले ओवरफ्लो हो गए और पानी निकलने में समय लगा।” उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने भी एक आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित करने तथा जलभराव की शिकायतों से निपटने के लिए पानी निकालने वाले पंप तैनात करने का निर्देश दिया।