डीईओ, जिला परिवहन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश
सुनील दीक्षित/निस
कनीना, 13 अप्रैल
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो शनिवार को जीएलपीएस स्कूल पहुंचे। उन्होंने जिला के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्कूल बस सड़क हादसे की समीक्षा की और अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल की बसों का भी निरीक्षण किया। प्रियंक कानूनगो ने बताया की इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी(डीईओ) और जिला परिवहन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। उन्होंने संस्था के ट्रांसपोर्ट मैनेजर धर्मवीर को पूछताछ के लिए पुलिस के हवाले किया है। इस मामले में स्कूल के पास 12 बसें बताई गई थी लेकिन अब स्कूल ट्रांसपोर्ट मैनेजर ने 18 बस का संचालन बताया है। उन्होंने स्कूल में बसों की जांच की तथा उनके डॉक्यूमेंट भी देखें। एक बस स्कूल के अंदर खड़ी थी। उसमें बैठ कर उनके कागजात की जांच की, जिसमें कमी पाए जाने पर कार्रवाई के निर्देश दिए| उन्होंने कहा कि हादसे में जान गंवाने वाले और घायल बच्चों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। घायलों को बेहतर उपचार के साथ-साथ मुफ्त कानूनी सहायता भी दिलवाई जाएगी। अगर आयोग को लगा कि कहीं कमी रह गई है तो उनको आयोग द्वारा वकील निशुल्क दिया जाएगा। उनको उचित मुआवजा मिले और घायल बच्चों का उचित इलाज हो इसके लिए भी उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि इस मामले में जो धाराएं लगाई गई हैं, आयोग उनकी समीक्षा करेगा और आवश्यक हुई तो अन्य धाराएं भी जोड़ी जाएंगी। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों के बच्चे खत्म हुए हैं, वह परिवार अगर बच्चा गोद लेना चाहेगा तो प्राथमिकता के आधार पर आयोग उन्हें बच्चा गोद दिलवाएगा। स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य भी देखा जाएगा और संस्था के सभी सुरक्षा मानदंडों का ध्यान रखा जाएगा, जब सभी सुरक्षा मानदंड उचित होंगे तभी नए बच्चों का दाखिला होगा। इस समय वरिष्ठ एचसीएस अधिकारी जिला नगर आयुक्त महावीर प्रसाद को स्कूल का प्रशासक नियुक्त किया गया है। बैठक में पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त, एसडीएम सुरेंद्र सिंह, जिला नगर आयुक्त व स्कूल के प्रशासक महावीर प्रसाद, उपपुलिस अधीक्षक महेंद्र सिंह, तहसीलदार संजीव कुमार, सिटी थाना एसएचओ सुधीर कुमार मौजूद थे।
शिक्षा अधिकारी को कमेटी से हटाया
डीसी मोनिका गुप्ता ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई की जा रही है। तीन सदस्य कमेटी से जिला शिक्षा अधिकारी को कमेटी से हटा दिया गया है। उनकी जगह सीटीएम को टीम का सदस्य नियुक्त किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी को घटना के दिन ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया था। जिसका उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।