मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

जिम्मेदारियों को अधिकारों के साथ  भी पहचाने : जस्टिस बिंदल

11:19 AM Oct 29, 2024 IST

चंडीगढ़, 28 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
एक स्वस्थ लोकतंत्र नागरिकों पर उनके अधिकारों के साथ-साथ उनकी जिम्मेदारियों को पहचानने पर निर्भर करता है। उन अधिकारों की सुरक्षा के लिए नागरिक कर्तव्यों में सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। यह बात सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश बिंदल ने आज यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में सरदार अजीत सिंह सरहदी मेमोरियल व्याख्यान में कही। अपने संबोधन में न्यायमूर्ति बिंदल ने संविधान के अनुच्छेद 21 पर विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित किया, जो सभी नागरिकों को जीवन की सुरक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की गारंटी देता है। उन्होंने समाज की बदलती जरूरतों के अनुकूल लचीले संविधान की आवश्यकता के संबंध में मसौदा समिति के भीतर हुई महत्वपूर्ण बहस का विवरण देते हुए संविधान के निर्माण पर चर्चा की। उन्होंने अनुच्छेद 21 के बनने की भी पड़ताल की, जिसमें अब जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के संबंध में कई और अधिकार शामिल हैं। सत्र में सवाल-जवाब में छात्रों ने अदालतों में डिजिटलीकरण और न्यायपालिका में एआई की भविष्य की भूमिका के बारे में पूछा, जिससे विचारों के गतिशील आदान-प्रदान की सुविधा मिली। इससे पहले, औपचारिक कार्यवाही ज्ञान और ज्ञान के प्रतीक पारंपरिक दीपक जलाने के साथ शुरू हुई। इसके बाद न्यायमूर्ति बिंदल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का अभिनंदन किया गया। लॉ विभाग की चेयरपर्सन प्रो. वंदना ए. कुमार ने स्वागत भाषण दिया ।

Advertisement

Advertisement