सोशल मीडिया पर मुस्कराते चेहरों की हकीकत और फसाना
सोनम लववंशी
घर के बुजुर्ग कहा करते थे कि संबंधों का दिखावा नहीं करना चाहिए, इससे लोगों की नजर लग जाती है। ये उनका अपना नजरिया था, पर उनकी बात गलत नहीं थी। वास्तव में रिश्तों का दिखावा नहीं करना बेहतर होता है और वही रिश्ते प्रगाढ़ रहते हैं, जो उसका प्रचार नहीं करते। अब दिखावे का आशय है सोशल मीडिया पर रिश्तों का प्रदर्शन जो अक्सर दिखाई देता है। जबकि, कुछ लोग ऐसे दिखावे से दूर रहकर भी संबंध निभाते हैं और सुखी जीवन बिताते हैं। अमेरिका में रिश्तों पर हुई एक रिसर्च का भी निष्कर्ष है कि सोशल मीडिया पर संबंधों की चमक दिखाने वालों असलियत कुछ अलग होती है।
आभासी मुस्कुराहट
ये नई जानकारी उन कपल्स को चौंका सकती है कि जो लोग सोशल मीडिया पर अपने प्रेम का दिखावा करते हैं, जो वास्तव में सच नहीं होता। ऐसे ज्यादातर रिश्ते नकली होते हैं, जो सिर्फ फोटो अपलोड करने तक ही मुस्कुराते दिखते हैं। ऐसे लोगों में मैरिड और अनमैरिड दोनों होते हैं। अमेरिका की ‘यूनिवर्सिटी ऑफ कैंसस’ की रिसर्च में बेहद दिलचस्प सच्चाई सामने आई। दुनियाभर के तीन सौ से ज्यादा कपल्स की 6 महीने तक सोशल मीडिया पर निगरानी की गई। फिर इनकी काउंसलिंग की गई, तो उनके आपसी रिश्तों का सच सामने आया कि जितना प्रेम ये सोशल मीडिया पर दिखाते हैं, उतना होता नहीं है। कई बार तो सोशल मीडिया इनके रिश्तों में फांस बन जाता है। वास्तव में सोशल मीडिया ड्रग्स जैसा नशा है। ये बात हैरान कर सकती है कि इस तरह की लत रिश्तों को प्रभावित करती है।
राज़ छुपाने से उपजती कड़वाहट
मजबूत रिश्ते में किसी राज़ के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए और न झूठ होना चाहिए। फिर वो राज़ कितना बड़ा या छोटा हो। साथी अक्सर एक-दूसरे से चीजों को छिपाते हैं, वे सोचते हैं कि बताने से सब बर्बाद हो जाएगा, उनका साथी गुस्सा या परेशान हो जाएगा। पर बाद में जब समय के साथ रहस्य खुलते हैं, तब वे अपने किए के जिम्मेदार खुद होते हैं। चीजों को आपस में न बांटने से विश्वास की कमी बढ़ती है, जो आप दोनों को कभी साथ नहीं रख सकता। देखा गया है कि ऐसे खुलासे अकसर सोशल मीडिया पर ही होते हैं। कभी किसी कपल्स के फोटो पर कोई पुराना फ्रेंड ऐसे कमेंट कर देता है, जो उनके रिश्तों में कड़वाहट घोल देता है।
दिखावे के रिश्तों की बुनियाद
लोग गलत नहीं कहते कि सोशल मीडिया पर जो रिश्ता ज्यादा प्रगाढ़ दिखता है या ऐसी कोशिश की जाती है, दरअसल वो वैसा होता नहीं है। कपल्स भले सोशल मीडिया पर कुछ भी दिखाएं, असल में उनके रिश्ते की बुनियाद कमजोर होती है। इसके विपरीत जो कपल्स कभी-कभी सोशल मीडिया पर दिखते हैं, वे ज्यादा सुखी रहते हैं। क्योंकि, उनके रिश्ते की बुनियाद मजबूत होती है। कोई माने या न माने, पर रिश्तों में सोशल मीडिया का ज्यादा दखल रिश्ते की जड़ों में मट्ठा डालने का काम करता है। रिसर्च से यह बात भी सामने आ गई। क्योंकि, सोशल मीडिया पर कपल्स का फोटो अपलोड करना सिर्फ औपचारिकता नहीं है। इसके पीछे कपल्स की सोच भी नजर आती है।
संबंधों पर असर
एक अमेरिकी रिसर्च से तो यह भी निष्कर्ष निकला कि सात में से एक तलाक का कारण सोशल मीडिया पर उनकी एक्टिविटी रहा। इसके अलावा इस निष्कर्ष का यह भी कहना था कि कुछ कपल्स में रोज की बहस का कारण भी सोशल मीडिया होता है। बिना पूछे एक-दूसरे का सोशल मीडिया अकाउंट चेक करना भी झगड़े का कारण बनता है। कपल्स में बेवफाई के कई राज़ भी सोशल मीडिया से ही उजागर होते हैं। इसलिए जरूरी है कि जो कपल्स अपने रिश्तों को लेकर गंभीर हैं, वे रिश्तों का दिखावा सोशल मीडिया पर न करें और इससे दूरी बनाकर रखें। लेकिन, इसका मतलब ये कदापि नहीं कि सोशल मीडिया ख़राब है। बस जरूरत इस बात की है कि इसका उपयोग संभलकर किया जाए, ताकि किसी तीसरे को रिश्तों में दखल देने का मौका न मिले।