साहित्य, भाषा व संगीत कला के क्षेत्र को उभारने में रविन्द्र नाथ टैगोर का अभूतपूर्व योगदान : प्रो. रामपाल सैनी
करनाल, 7 मई (हप्र)
डीएवी पीजी कॉलेज में अंग्रेजी विभाग के तत्वावधान में सुप्रसिद्ध भारतीय कवि, लेखक, नाटककार, संगीतकार, दार्शनिक और चित्रकार रविंद्र नाथ टैगोर के जन्म दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. रामपाल सैनी, अंग्रेजी विभाग की अध्यक्षा डॉ. सीमा शर्मा एवं अंग्रेजी विभाग के अन्य स्टाफ सदस्यों एवं विद्यार्थियों ने उनके चित्र के समक्ष श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया। रविन्द्र नाथ टैगोर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए प्राचार्य प्रो. रामपाल सैनी ने कहा कि वह भारत के एक समाज सुधारक थे, उन्होंने बाल विवाह, दहेज प्रथा और जातिवाद जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने संगीत, कला के क्षेत्र को उभारने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी रचनाएं भारतीय संस्कृति, समाज, और मानवीय मूल्यों पर आधारित प्ररेणादायक है। वह बंगाली साहित्य के सबसे महान लेखकों में से एक थे और भारतीय सांस्कृतिक चेतना को नया रूप देने वाले एक युगद्रष्टा भी रहे। अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. सीमा शर्मा ने कहा कि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर बहुआयामी प्रतिभा के शख्सियत थे।
उन्होंने शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थापना की। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने उनकी रचनाओं, कृतियों से संबंधित पेपर रीडिंग प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें एमए प्रथम वर्ष की दिपिका ने प्रथम, बीकॉम प्रथम वर्ष के प्रिंस ने द्वितीय एवं बीए द्वितीय वर्ष के आर्यन ने तीसरा स्थान हासिल किया। सांत्वना पुरस्कार आर्यन शर्मा और सोनम को मिला। इस मौके पर अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापक डॉ. पूनम वर्मा, डॉ. ममता, डॉ. अमोल रत्न मारवाह, डॉ. सुरभि, डॉ. राधिका, सहित अन्य स्टाफ सदस्य एवं विद्यार्थी मौजूद थे।