लालडू के पास मुठभेड़ में रवि नारायनगढ़िया जख्मी
जीरकपुर, 12 अप्रैल (हप्र)
डेराबस्सी हलके के लालड़ू के पास पुलिस और बदमाश के बीच हुई मुठभेड़ में एक बदमाश के पैर पर गोली लगी है। आरोपी ने भी पुलिस पर गोली चलाई थी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने फायरिंग की।
पुलिस की गोली लगने से बदमाश घायल हो गया। पुलिस मुठभेड़ में घायल रवि नारायनगढ़िया गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का करीबी है। वहीं पुलिस ने एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान दीपक डेराबस्सी के तौर पर हुई है। पुलिस के मुताबिक एक दिन पहले रवि नारायनगढ़िया ने अपने साथी के साथ मिलकर डेराबस्सी स्थित इमिग्रेशन सेंटर में एक पर्ची देकर 50 लाख की रंगदारी मांगी थी।
पुलिस का कहना है कि आरोपियों का लिंक गोल्डी बराड़ गैंग से है। पुलिस ने मौके से एक आरोपी की पिस्टल और स्कूटी बरामद
की है। आरोपी को उपचार के लिए डेराबस्सी अस्पताल पहुंचाया गया है।
एसपी (ग्रामीण) मनप्रीत सिंह ने बताया कि पिछले साल सितंबर में इसी डेराबस्सी के इमीग्रेशन सेंटर पर फायरिंग की घटना हुई थी, जिसमें छह आरोपी पकड़े गए थे। वहीं, 8 अप्रैल को इसी सेंटर पर गोल्डी बराड़ गैंग द्वारा 50 लाख की रंगदारी की पर्ची दी गई। पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए संभावित हमले को रोकने के लिए एसएचओ लालडू आकाश शर्मा, एसएचओ हंडेसरा रणबीर सिंह, चौकी इंचार्ज नाहर अजय की देखरेख में नाकेबंदी की। पुलिस को देख दोनों आरोपी भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने उन्हें सरेंडर करने को कहा, लेकिन आरोपियों ने पुलिस पर ही फायरिंग शुरू कर दी।
जवाबी कार्रवाई में एक आरोपी के पैर में गोली लग गई। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान कीरत सिंह उर्फ रवि नारायनगढ़िया निवासी नारायनगढ़ और दीपक डेराबस्सी के रूप में हुई है।
अवैध माइनिंग को लेकर खूनी संघर्ष, चार जख्मी
जीरकपुर (हप्र) : डेराबस्सी हलके के गांव मकंदपुर में शुक्रवार देर रात अवैध माइनिंग को लेकर चल रहे पुराने विवाद में दो पक्षों में हुई बहस देखते ही देखते मारपीट में बदल गई, जिसमें चार युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया गया है कि मारपीट पहले गांव में हुई और फिर घायलों को जब अस्पताल लाया गया तो वहां भी दोनों गुट भिड़ गए। घायलों को सिविल अस्पताल डेराबस्सी में भर्ती करवाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। दो की हालत गंभीर है। सूत्रों के अनुसार, जब घायलों को अस्पताल लाया गया, तो वहां अस्पताल परिसर में फिर से हाथापाई शुरू हो गई। मौके पर मौजूद मेडिकल स्टाफ ने किसी तरह स्थिति को काबू में किया और पुलिस को सूचना दी। घटना के बाद पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते कहा कि कई बार माइनिंग विवाद को लेकर शिकायत दी, पर पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अगर समय रहते कार्रवाई होती तो आज ये घटना न होती। इस मामले में पुलिस का कहना है कि उन्हें घटना की जानकारी मिली है और जांच शुरू कर दी गई है।