कौशल और संस्कृति का मिश्रण है रत्नावली : भारत भूषण भारती
कुरुक्षेत्र (हप्र) : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में श्रीमद्भगवद्गीता सदन में 25 से 28 अक्तूबर तक चार दिनों तक चलने वाले चार दिवसीय राज्य स्तरीय हरियाणा दिवस रत्नावली समारोह के तीसरे दिन पहले सत्र में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष भारत भूषण भारती ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विवि प्रतिवर्ष रत्नावली महोत्सव का आयोजन बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ करता है। रत्नावली महोत्सव कौशल और हरियाणवी संस्कृति का मिश्रण है। उन्होंने डॉ. बीआर अंबेडकर के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि जीवन में सफल होने के लिए सबसे पहला कदम शिक्षा है। जीवन में एक शिक्षा स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय से मिलती है जिसे अक्षर ज्ञान कहते हैं। दूसरी शिक्षा व्यावहारिक शिक्षा है जो कि हमें अपने माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी से मिलती है। इससे पहले विश्वविद्यालय में पहुंचने पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने भारत भूषण भारती व आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. करतार सिंह धीमान का स्वागत व अभिनंदन किया।
उन्होंने ऑडिटोरियम हॉल के प्रांगण में लगे क्राफ्ट मेले का अवलोकन किया और मेले में लगे हरियाणवी व्यंजनों का स्वाद चखा। सभागार में युवा कलाकारों को सम्बोधित करते हुए भारत भूषण भारती ने कहा कि महोत्सव में युवा छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जा रहा है।