राष्ट्रपति भवन और पीएम हाउस पेयजल संकट की जद में
भरतेश सिंह ठाकुर/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 6 मार्च
सोनीपत-कुंडली में ड्रेन नंबर 8 के जल प्रदूषण को लेकर हरियाणा के अधिकारियों द्वारा बरती गई लापरवाही से राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री आवास में पानी की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने यह रिपोर्ट एनजीटी के सामने पेश की है। एनजीटी ड्रेन नंबर 6 में प्रदूषण से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रहा है, जो ओवरफ्लो होकर ड्रेन नंबर 8 में गिरता है। ड्रेन नंबर 8 यमुना में मिल जाती है। दावा किया जा रहा है कि ड्रेन नंबर 6 कूड़े-कचरे और गाद से भरा है। मामले में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि इसकी नियमित रूप से सफाई नहीं की जाती है और इसकी स्थिति गंभीर है।
अपने जवाब में, डीजेबी का कहना है कि हरियाणा में डायवर्जन ड्रेन नंबर 6 (डीडी-6) से संबंधित मुद्दे पर हरियाणा के अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जानी है। लेकिन उनकी लापरवाही से ड्रेन नंबर 8 में पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। इससे वजीराबाद पौंड तक पहुंचने वाले यमुना के पानी पर असर पड़ता है।
इसमें कहा गया है कि उच्च प्रदूषकों के कारण पानी का ट्रीटमेंट मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति से दिल्ली में जल संकट पैदा हो सकता है। विशेष रूप से वजीराबाद और चंद्रावल जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) में पानी की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। ये संयंत्र राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति करते हैं।
डीजेबी ने वजीराबाद पौंड में अमोनिया प्रदूषण पर हरियाणा की विभिन्न एजेंसियों को लिखे पत्र संलग्न किए हैं। डीजेबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘प्रत्येक पत्र में हरियाणा सिंचाई विभाग, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) और सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के संबंधित अधिकारियों से यमुना नदी के पानी में प्रदूषण को रोकने के लिए ठोस उपाय लागू करने के लिए अनुरोध किया गया है। दिल्ली के लोगों को पीने योग्य पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह कार्रवाई महत्वपूर्ण है।’ इसमें कहा गया है कि वर्तमान में, सीवेज के पानी को डीडी-8 के साथ मिलने से रोकने के लिए डीडी-6 की वास्तविक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।