राव नरवीर चौथी बार बने विधायक, 3 बार रहे मंत्री
विवेक बंसल/हप्र
गुरुग्राम, 11 अक्तूबर
दक्षिण हरियाणा में केंद्रीय मंत्री राव इंद्र सिंह के बाद जनाधार वाले नेताओं में भाजपा के दिग्गज नेता राव नरवीर सिंह का नाम सबसे ऊपर आता है। वे चौथी बार विधानसभा के सदस्य बने हैं। उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं। बादशाहपुर से दूसरी बार (2014, 2024), सोहना (1996) और जादूसाना (1987 अब विधानसभा का नाम बदल चुका है) से एक-एक बार विधायक चुने गए थे। तीन बार अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद तीनों बार मंत्री रहे। तीनों बार अलग-अलग मुख्यमंत्री के साथ मंत्री थे। इस बार चौथा मुख्यमंत्री नायब सिंह हैं। जिनके साथ में विधायक बने हैं। इस बार भी उन्हें मंत्री बनाये जाने की प्रबल संभावना है। हरियाणा की राजनीति में इस बार उन्होंने दो नई बातें जोड़ी हैं। एक ही राजनीतिक दल से अर्थात भाजपा से, एक ही विधानसभा बादशाहपुर से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं।
बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से कुल 521798 मतों में से 282285 वोट पड़े थे। उनमें से भाजपा के उम्मीदवार राव नरवीर सिंह ने 51.54 प्रतिशत के साथ 145503 और कांग्रेस के वर्धन यादव ने 30.04% के साथ 84798 मत प्राप्त किया। पूर्व निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद की पत्री कुमुदिनी ने 10.94% अर्थात 30885 मत, आम आदमी पार्टी के वीर सिंह राणा ने 4.59 प्रतिशत 12943 मत प्राप्त किया। राव नरवीर सिंह ने वर्धन यादव से 60705 मतों की बढ़त प्राप्त की थी।
राव नरवीर सिंह जैसे दिग्गज भाजपा नेता को कई नेताओं ने कई युवा नेताओं ने भी भाजपा टिकट के लिए चुनौती दी थी। उन्होंने जमकर प्रचार किया खूब पैसा बहाया और अपनी युवा राजनीतिक शक्ति को प्रयोग कर टिकट कटवाने का प्रयास किया लेकिन राजनीति के हर तरह के दावपेच में माहिर जाने-माने राजनीतिक, सरकार बनाने और सरकार गिराने में भी माहिर राव नरवीर सिंह आखिर में यह बात फैलाने में कामयाब रहे कि भाजपा टिकट नहीं देगी तो कांग्रेस से चुनाव लड़ लूंगा और भारतीय जनता पार्टी का दिल्ली नेतृत्व नरवीर सिंह की इस राजनीतिक ताकत को परख कर उन्हें मनाने में कामयाब रहा और भी भाजपा के हो गए।
अंतिम समय टिकट मिला तो वर्धन यादव ने लगाया पूरा जोर
वर्धन यादव को युवा कांग्रेस के कोटे से टिकट प्राप्त हुआ था। अंतिम समय में टिकट प्राप्त होने के बावजूद वर्धन यादव ने जबरदस्त चुनाव लड़ा। नए उम्मीदवार ने सभी नेताओं को बुलाया और जमकर प्रचार किया। कांग्रेस के युवा नेता वर्धन यादव ने भाजपा के दिग्गज नेता राव नरवीर सिंह के सम्मुख चुनाव लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी और जिस तरह से 84798 मत प्राप्त किए हैं उसकी चर्चा हो रही है। वर्धन यादव को कांग्रेस की टिकट प्राप्त करने से पहले इस इलाके के जाने-माने दिग्गज कांग्रेस नेता स्वर्गीय राव धर्मपाल के पुत्र वीरेंद्र सिंह उर्फ बिल्लू के साथ प्रतिद्वंद्विता करनी पड़ी। बिल्लू की आखिर तक टिकट पक्की थी जो बाद में ठीक साबित नहीं हुई। इससे कांग्रेसियों में मायूसी थी कि पुराने नेता की टिकट कट गई और नए को टिकट मिला है क्या होगा। उसे समय यह माना जाता था कि बिल्लू को कांग्रेस टिकट देती तो दोनों के बीच जमकर मुकाबला होता और चुनाव परिणाम रोचक भी हो सकते थे। ऐसी सोच वाले नेताओं और मतदाताओं की आखिर में नाराजगी कांग्रेस के उम्मीदवार को भारी पड़ी।