Ranveer Allahbadia Row : रणवीर इलाहाबादिया ने कोर्ट को दिलाया भरोसा, अपने शो में बनाए रखेंगे शालीनता
नई दिल्ली, 1 अप्रैल (भाषा)
Ranveer Allahbadia Row : पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को लिखित आश्वासन दिया कि वह अपने कार्यक्रम ‘द रणवीर शो' में शालीनता बनाए रखेंगे। इलाहाबादिया की ओर पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ को बताया कि उनके मुवक्किल ने शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुपालन में लिखित आश्वासन दाखिल किया है और मामले की जांच में शामिल होकर अपने बयान दर्ज कराए हैं।
चंद्रचूड़ ने शीर्ष अदालत से इलाहाबादिया पर लगाई गई पासपोर्ट जमा करने की शर्त में संशोधन करने का अनुरोध किया। उन्होंने दलील दी कि यह शर्त उनकी आजीविका को प्रभावित करती है। चंद्रचूड़ ने कहा कि इलाहाबादिया को विभिन्न लोगों के साक्षात्कार के लिए विदेश यात्रा करनी पड़ती है, जिसके लिए कई दौर की बैठकें करने की आवश्यकता होती है। अगर इलाहाबादिया विदेश चला गया, तो इससे जांच प्रभावित होगी। पीठ ने महाराष्ट्र और असम की सरकारों का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से उस समयसीमा के बारे में पूछा, जिसमें जांच पूरी हो जाएगी।
हालांकि, उन्होंने इस बारे में किसी निर्देश का अनुरोध नहीं किया है, लेकिन जांच दो हफ्ते में पूरी होने की संभावना है। इसके बाद पीठ ने कहा कि वह पासपोर्ट वापस करने के इलाहाबादिया के अनुरोध पर दो हफ्ते बाद विचार करेगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इलाहाबादिया ने 3 मार्च के उसके निर्देश के अनुपालन में लिखित आश्वासन दाखिल किया है कि वह अपने कार्यक्रमों में शालीनता बनाए रखेगा और अपने खिलाफ दर्ज मामलों से जुड़ी किसी भी बात का जिक्र नहीं करेगा। इलाहाबादिया ने अदालत को सूचित किया है कि वह 7 मार्च को जांच में शामिल हो गया था।
उसने महाराष्ट्र व असम में पुलिस द्वारा दर्ज मामलों के जांच अधिकारियों के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए थे। शीर्ष अदालत ने इलाहाबादिया को तीन मार्च को अपना पॉडकास्ट यह कहते हुए फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी थी कि शो में “नैतिकता और शालीनता” बनाए रखी जाएगी और इसकी सामग्री सभी उम्र के दर्शकों के लिए उपयुक्त होगी। ‘बीयरबाइसेप्स' के नाम से मशहूर इलाहाबादिया यूट्यूबर समय रैना के यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट' में अभिभावकों और यौन संबंधों पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर मुश्किलों में फंस गए थे। महाराष्ट्र और असम के विभिन्न थानों में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी को इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हुए उनकी टिप्पणियों को “अश्लील” बताया था और कहा था कि उनकी “विकृत मानसिकता” से समाज को शर्मिंदा होना पड़ा। ‘इंडियाज गॉट लेटेंट' पर आपत्तिजनकर टिप्पणियों को लेकर इलाहाबादिया के अलावा समय रैना, आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्वा मखीजा के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए थे। चंचलानी की तरफ से पेश अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि उनका मुवक्किल भी जांच में शामिल हो गया है।
हालांकि, उन्होंने चंचलानी के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी को एक साथ जोड़ने और किसी एक पुलिस थाने में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया। चंद्रचूड़ ने रेखांकित किया कि इलाहाबादिया ने भी सर्वोच्च कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में इसी तरह का अनुरोध किया है और प्रथा यह है कि सभी प्राथमिकी को उसी स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाता है, जहां पहली प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
उन्होंने कहा कि मौजूदा मामले में पहली प्राथमिकी मुंबई में दर्ज की गई थी। शीर्ष कोर्ट ने इलाहाबादिया और चंचलानी से कहा कि वे सभी प्राथमिकी को एक साथ जोड़ने के उनके अनुरोध पर विचार किए जाने के लिए दो हफ्ते और इंतजार करें। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 अप्रैल की तारीख तय की।