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रणजीत सिंह का इस्तीफा मंजूर नायब कैबिनेट में बने रहेंगे!

08:47 AM May 01, 2024 IST
रणजीत सिंह का इस्तीफा मंजूर नायब कैबिनेट में बने रहेंगे
हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को रानियां से विधायक रणजीत सिंह विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता से मिलते हुए। -ट्रिब्यून फोटो
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चंडीगढ़, 30 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा के बिजली व जेल मंत्री रणजीत सिंह का रानियां विधानसभा हलके से इस्तीफा मंजूर हो गया है। अब वे पूर्व विधायक तो हो गए हैं, लेकिन प्रदेश की नायब सरकार में कैबिनेट मंत्री बने रहेंगे। भाजपा टिकट पर रणजीत सिंह हिसार संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। 24 मार्च को उन्होंने भाजपा ज्वाइन की थी और इसी दिन रानियां हलके की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
रणजीत सिंह ने अपने मैसेंजर के जरिये विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को इस्तीफा भेजा था। इस पर कानूनी सलाह लेने के बाद स्पीकर ने रणजीत सिंह को व्यक्तिगत तौर पर विधानसभा में बुलाया था। उन्हें 23 अप्रैल को आना था लेकिन निजी कारणों के चलते वे नहीं आ सके। इसके बाद उन्हें 30 अप्रैल को बुलाया गया। मंगलवार को विधानसभा पहुंचे रणजीत सिंह ने स्पीकर के सामने इस्तीफे पर किए अपने हस्ताक्षर सत्यापित किए।
स्पीकर के पूछने पर रणजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने किसी भी तरह के दबाव या प्रलोभन में इस्तीफा नहीं दिया है। इसके बाद स्पीकर ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। अब इसकी सूचना विधानसभा सचिवालय द्वारा चुनाव आयोग को भेजी जाएगी। एकाध दिन में ही रानियां सीट रिक्त होने का नोटिफिकेशन भी जारी हो जाएगा। प्रदेश में करनाल के बाद अब रानियां दूसरी सीट है, जो खाली हुई है। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे की वजह से 13 मार्च से ही करनाल सीट खाली है। हालांकि चुनाव आयोग ने लोकसभा के साथ ही करनाल सीट पर उपचुनाव की घोषणा की हुई है। हरियाणा में छठे चरण में लोकसभा की सभी दस सीटों के साथ करनाल का उपचुनाव भी होगा। अब रानियां हलके में उपचुनाव नहीं होगा। अब सितंबर-अक्तूबर में प्रस्तावित हरियाणा विधानसभा के आमचुनाव ही होंगे।
दूसरी बार दिया इस्तीफा
रणजीत सिंह ने दूसरी बार इस्तीफा दिया है। इस बार उन्होंने इस्तीफा भाजपा टिकट पर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ने की वजह से दिया है। लगभग 35 साल पहले उन्होंने 1989 में भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। उस समय उन्हें राज्यसभा भेजा गया था। इसी के चलते उन्होंने अपनी सीट खाली की थी।

मैंने सभी तकनीकी बातों को ध्यान में रखते हुए विधायक पद से इस्तीफा दिया है। मंत्री पद से मैंने इस्तीफा नहीं दिया है। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद तय होगा कि आगे क्या निर्णय करना है।
-रणजीत सिंह, बिजली मंत्री

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चौ. रणजीत सिंह ने सत्यापित किया है कि इस्तीफा उन्होंने ही भेजा है और उन पर किसी तरह का दबाव नहीं था। किसी प्रलोभन में उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। वे छह महीने तक बिना विधायक रहे मंत्री बने रह सकते हैं।
-ज्ञानचंद गुप्ता, विधानसभा अध्यक्ष

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