रणदीप सुरजेवाला ने एचटीईटी की परीक्षाओं पर उठाये सवाल
कैथल, 10 दिसंबर (हप्र)
राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने प्राइमरी टीचर, ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर और एचटीईटी की परीक्षाओं पर सवाल उठाए हैं और सरकार से जवाब मांगा है।
सुरजेवाला ने इन परीक्षाओं की विश्वसनीयता और एग्जाम लेने के तरीकों को गलत बताते हुए कहा कि यह परीक्षाएं एनसीटीई के मापदंडों के खिलाफ हैं और इनका सिलेबस भी मापदंडों के अनुरूप नहीं है।
रविवार शाम को कैथल पहुंचे रणदीप सुरजेवाला ने किसान भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि एचटीईटी के आधार पर पिछले 5 साल में एक भी नियुक्ति नहीं हुई।
हरियाणा में एचटीईटी के आधार पर तीन श्रेणियां में अध्यापकों की भर्ती होती है। प्राइमरी टीचर, ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर। विगत दो या तीन दिसंबर को भी एचटीईटी का एग्जाम हुआ, जो पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण था और नियमों के विरुद्ध था। एनसीटीई के मापदंडों के मुताबिक लिखित परीक्षा में दो भाषाओं के 30-30 नंबर का पेपर अनिवार्य है, लेकिन सरकार ने हिंदी और इंग्लिश के नंबर केवल 15-15 ही रखे। इस तरह एनसीटीई की गाइड लाइन का उल्लंघन किया गया।
गाइडलाइन के अनुसार साफ है कि भाषा विकास प्रश्नों का शिक्षा-शास्त्र व भाषाबोध और दक्षता मूल्यांकन: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना के आधार पर हिंदी व अंग्रेजी भाषा का पेपर होगा। एचटीईटी के पेपर में इस प्रकार का कोई मूल्यांकन हुआ ही नहीं। केवल व्याकरण के 15 सवाल पूछकर पूरा मामला निपटा दिया गया। इसी प्रकार ग्रामर के 15 सवाल अंग्रेजी पेपर में पूछकर मामला रफा-दफा कर दिया है।
परीक्षाओं के नाम पर सरकार ने जमा किये सवा करोड़
सुरजेवाला ने कहा कि साल 2019 से साल 2023 के बीच 12,52,422 युवाओं ने परीक्षा दी। सरकार ने एचटीईटी एग्ज़ाम में पीआरटी के लिए एक हजार रुपए फीस रखी है। पीआरटी व टीजीटी के लिए फीस 18 सौ रुपए है और तीनों परीक्षाओं के लिए फीस 24 सौ रुपए है। एग्ज़ाम के लिए दी जाने वाली औसत फीस एक हजार रुपए प्रति युवा भी मान लें, तो पिछले पांच साल में सरकार मात्र फीस का 125 करोड़ रुपया युवाओं से भरवा चुकी है और इन परीक्षाओं के आधार पर किसी को भी नौकरी नहीं मिली। इस मौके पर कांग्रेस नेता सुदीप सुरजेवाला, श्वेता ढुल मौजूद रहे।