...राम तुम्हहि अवलोकत आजू
अयोध्या, 23 जनवरी (एजेंसी)
अयोध्या में रामलला की नयी मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के एक दिन बाद मंगलवार को जनता के लिए नवनिर्मित मंदिर के कपाट खोल दिए गए। अयोध्या और इसके आसपास एक दिन पहले से ही डेरा डाले लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। मानो, सभी भक्त ‘बालक राम’ की झलक पाकर कहना चाह रहे हों, ‘हे राम! आपका दर्शन करते ही आज मेरा तप, तीर्थ और त्याग सफल हो गया। आज मेरा जप, योग और वैराग्य सफल हो गया और आज मेरे सम्पूर्ण शुभ साधन सफल हो गए।’ जैसा कि रामचरित मानस की एक चौपाई की एक पंक्ति है, ‘सफल सकल सुभ साधन साजू, राम तुम्हहि अवलोकत आजू।’ यहां उल्लेखनीय है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति का नाम ‘बालक राम’ रखा गया है। समारोह से जुड़े एक पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया, ‘भगवान राम की मूर्ति का नाम ‘बालक राम’ रखने का कारण यह है कि वह एक बच्चे की तरह दिखते हैं, जिनकी उम्र पांच साल है।’
मंगलवार को मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा और उन्हें नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। धक्का मुक्की में एक श्रद्धालु बेहोश भी हो गया। अनेक दर्शनार्थी सोमवार देर रात से ही कतार में लग गए थे। भगवान राम के चित्र वाले झंडे लेकर और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए भक्त कड़ाके की ठंड में भव्य मंदिर के कपाट खुलने से घंटों पहले से इंतजार करते रहे। पंजाब से आए भक्त मनीष वर्मा ने कहा, ‘बहुत खुशी महसूस हो रही है, मेरे जीवन का उद्देश्य पूरा हो गया है। हमारे पूर्वजों ने इसके लिए संघर्ष किया और अब इसे साकार किया गया है।’ इस दौरान देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने अपनी-अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। यूपी के सूचना निदेशक ने कहा, ‘आज पांच लाख श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किये हैं।’ उधर, अथाह भीड़ के बीच किसी ने अफवाह फैलाई कि मंदिर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। हालांकि पुलिस ने इसका
खंडन किया।
व्यवस्था देखने पहुंचे सीएम योगी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राम मंदिर की व्यवस्था देखने के लिए अयोध्या का दौरा किया। अधिकारियों ने बताया कि आम श्रद्धालुओं के लिए खोले गए मंदिर की व्यवस्था देखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हवाई मार्ग से अयोध्या पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘आठ हजार से अधिक पुलिसकर्मी व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं और सब कुछ नियंत्रण में है।’
खेतों, गलियों और सरयू के रास्ते आ रहे श्रद्धालु श्रद्धालुओं के समूह छोटी-छोटी गलियों, रेलवे पटरियों, खेतों से अयोध्या में प्रवेश कर रहे हैं जबकि कुछ सरयू नदी पार कर नगर में प्रवेश कर रहे हैं। अथाह भीड़ जुटने के बाद प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद और विशेष पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने भीड़ प्रबंधन की कमान खुद संभाली।
गहन शोध के बाद तैयार हुए आभूषण
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, विग्रह के लिए आभूषण अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों के गहन शोध और अध्ययन के बाद तैयार किए गए हैं। रामलला ने बनारसी वस्त्र धारण किए हैं जिसमें एक पीली धोती और एक लाल ‘अंगवस्त्रम’ है। ‘अंगवस्त्रम’ को शुद्ध सोने की ‘जरी’ और धागों से तैयार किया गया है जिसमें शुभ वैष्णव प्रतीक ‘शंख’, ‘पद्म’, ‘चक्र’ और ‘मयूर’ शामिल हैं।
तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनी मूर्ति
ट्रस्ट ने बताया कि मैसूर स्थित मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तराशी गई 51 इंच की इस मूर्ति को तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाया गया है। नीले रंग की कृष्णा शिला (काली शिस्ट) की खुदाई मैसूर के एचडी कोटे तालुका में जयापुरा होबली में गुज्जेगौदानपुरा से की गई थी। ट्रस्ट के मुताबिक यह एक महीन से मध्यम दाने वाली, आसमानी-नीली मेटामर्फिक चट्टान है, जिसे आम तौर पर इसकी चिकनी सतह की बनावट के कारण सोपस्टोन कहा जाता है और यह मूर्तिकारों के लिए मूर्तियां बनाने के लिए आदर्श है। कृष्ण शिला रामदास (78) की कृषि भूमि को समतल करते समय मिली थी और एक स्थानीय ठेकेदार, जिसने पत्थर की गुणवत्ता का आकलन किया था, ने अपने संपर्कों के माध्यम से अयोध्या में मंदिर के ट्रस्टियों का ध्यान आकर्षित किया।