For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

राखीगढ़ी है आठ हजार वर्ष पुरानी हड़प्पा कालीन सभ्यताअवशेषों के कार्बन डेटिंग के बाद लगी मोहर

08:36 AM Apr 29, 2024 IST
राखीगढ़ी है आठ हजार वर्ष पुरानी हड़प्पा कालीन सभ्यताअवशेषों के कार्बन डेटिंग के बाद लगी मोहर
नारनौंद के राखीगढ़ी में खोदाई के दौरान मिला चूल्हा व अन्य अवशेष। -िनस
Advertisement

सज्जन सैनी/ निस
नारनौंद, 28 अप्रैल
राखीगढ़ी के संबंध में नए तथ्य सामने आए हैं, इनके अनुसार अब तक इसे पांच हजार वर्ष पुरानी हड़प्पा कालीन सभ्यता ही माना जा रहा था, लेकिन अब टीला नंबर सात पर मिले कंकालों के नीचे खोदाई की गई तो वहां पर चूल्हा सहित अन्य काफी अवशेष मिले। इनकी कार्बन डेटिंग करवाई गई तो यह आठ हजार वर्ष पुरानी सभ्यता होने पर मोहर लग गई। और राखी गढ़ी के इतिहास के पन्ने पर यह दर्ज हो गया कि सबसे पुरानी सभ्यता हमारे देश के हिसार जिले के गांव राखी गढ़ी में देखी जा सकती है। राखी गढ़ी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग दिल्ली द्वारा 2023 में टीलें नंबर सात पर खोदाई की गई थी। उसे समय तीन कंकाल मिले थे। उन कंकालों को डीएनए जांच के लिए भेजा गया था। लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। पुरातत्व विभाग ने कंकालों के नीचे की तरफ खोदाई की तो और नए तथ्य सामने आए। खोदाई के दौरान एक चूल्हा, हारा, पोटरी, चारकोल (कोयला) ईंटों की दीवार के अवशेष मिले। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को आभास हो गया था कि यह सभ्यता और भी ज्यादा पुरानी हो सकती है। उन्होंने इन अवशेषों को भारतीय भूतत्व सर्वेक्षण विभाग नई दिल्ली में कार्बन डेटिंग के लिए भेज दिया। जब कार्बन डेटिंग की रिपोर्ट आई तो चौंकाने वाला रहस्य उजागर हुआ। जिस सभ्यता पर कंकालों के डीएनए के बाद करीब पांच वर्ष पुरानी सभ्यता होने की मोहर लगी थी, उसके अब करीब आठ हजार वर्ष पुरानी सभ्यता होने के सबूत मिले हैं।

क्या है कार्बन डेटिंग

खोदाई के दौरान जो भी अवशेष निकलते हैं। उनको जांचने के लिए कार्बन डेटिंग की जाती है। उसके लिए सभी अवशेषों के टुकड़े और उनके पास की मिट्टी भी उठाई जाती है। इस दौरान पूरी सावधानी बरती जाती है। अवशेषों में किसी भी दूसरी मिट्टी के कण इसमें ना मिल जाएं। इस पूरी प्रक्रिया के बाद सभी अवशेषों को कार्बन डेटिंग के लिए भेज दिया जाता है। हमारे देश के काफी शहरों में कार्बन डेटिंग की जाती है। टीले सात पर खोदाई के दौरान मिले अवशेषों को दिल्ली में कार्बन डेटिंग के लिए भेजा गया था। उनकी रिपोर्ट मिली है कि भेजे गए अवशेष करीब आठ वर्ष पुराने हैं।

Advertisement

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×