Rajya Sabha session: मतदाता सूची, परिसीमन के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा
नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा)
Rajya Sabha session: मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और लोकसभा सीटों के परिसीमन के मुद्दे पर कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सहित अन्य विपक्षी दलों ने मंगलवार को राज्यसभा में भारी हंगामा किया, जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब बीस मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक कामकाज पटल पर रखवाने के बाद बताया कि कांग्रेस, द्रमुक, आम आदमी पार्टी, बीजू जनता दल (बीजद) सहित कुछ अन्य दलों के सदस्यों की ओर से नियम 267 के तहत कुल 21 नोटिस मिले हैं।
उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए। इसके बाद विपक्षी दलों ने हंगामा और नारेबाजी आरंभ कर दिया। द्रमुक के कुछ सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी भी करने लगे। हंगामे के बीच ही उपसभापति ने शून्यकाल आरंभ किया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजीव भट्टाचार्य सहित कुछ अन्य सदस्यों ने अपने-अपने मुद्दे उठाए। इसी बीच, द्रमुक के आर गिरिराजन ने शून्यकाल के तहत दक्षिणी राज्यों में प्रस्तावित परिसीमन का मुद्दा उठाया और कहा कि यह तमिलनाडु को कतई स्वीकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण के राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है लेकिन वहां की लोकसभा सीटों की संख्या में कटौती करके उन्हें ‘दंडित' किया जा रहा है। गिरिराजन के अपनी बात रखने के बाद विपक्षी दलों का हंगामा और तेज हो गया।
द्रमुक के कई सदस्य और एमडीएमके के वाइको आसन के निकट आ गए। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य भी अपने स्थान पर हंगामा करते दिखे। इसके बाद उपसभापति ने 11 बजकर 22 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
खड़गे का नड्डा पर पलटवार, कहा: आपको प्रशिक्षण की जरूरत, मंत्री समय पर सदन में नहीं आते
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा पर पलटवार किया और कहा कि विपक्षी दलों को प्रशिक्षण की नसीहत देने वाले नेता सदन को ही इसकी जरूरत है क्योंकि उनके ही सदस्य और मंत्री ही समय पर सदन में नहीं आते हैं।
दरअसल, राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने पर उपसभापति हरिवंश आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवा रहे थे। इसी क्रम में उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान की परिषद के लिए निर्वाचन का प्रस्ताव पेश करने के लिए केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का नाम पुकारा। लेकिन वह सदन में उपस्थित नहीं थे। विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि मंत्री की अनुपस्थिति ‘शर्म की बात' है।
खड़गे ने कहा कि नेता सदन जे पी नड्डा ने सोमवार को नसीहत दी थी कि नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के सदस्यों को सदन के नियमों का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूछता हूं आपको। आप क्यों ट्रेनिंग (प्रशिक्षण) नहीं लेते? आपके लोग समय पर नहीं आते... मंत्री गण भी नहीं आते... ये शर्म की बात है।''
उल्लेखनीय है कि विपक्ष दलों ने मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और लोकसभा सीटों के परिसीमन के मुद्दे पर सोमवार को राज्यसभा में हंगामा किया था और आसन की ओर से इन मुद्दों पर कार्यस्थगन नियम के तहत चर्चा कराए जाने की मांग खारिज किए जाने के बाद उच्च सदन से बहिर्गमन किया था।
नड्डा ने विपक्षी सदस्यों के इस व्यवहार की निंदा की थी और आसन से आग्रह किया कि वह नेता प्रतिपक्ष सहित सभी सदस्यों को ‘रिफ्रेशर' कोर्स करवाएं। उन्होंने कहा था, ‘‘हम चर्चा के लिए तैयार हैं। इसमें अल्पकालिक चर्चाओं का प्रावधान है और दीर्घावधिक चर्चाओं का भी प्रावधान है। वे (विपक्ष) नियमों को नहीं पढ़ते हैं।''
उन्होंने विपक्षी सांसदों से कहा कि वे पहले नियमों को पढ़ें और बहस करना सीखें। उन्होंने कहा, ‘‘यह विपक्ष का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है... एक तरह से यह संसद और लोकतंत्र को बदनाम करने का प्रयास है।'' नेता सदन ने कहा, ‘‘उन्हें (विपक्षी सांसदों) रिफ्रेशर कोर्स करना चाहिए। उन्हें (सदन के) नियम-कायदों को समझना चाहिए। सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।''