Rajya Sabha: किरण चौधरी ने दाखिल किया नामांकन, जजपा, हलोपा व निर्दलीय ने देंगे समर्थन
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 21 अगस्त
Rajya Sabha nomination: हरियाणा की पूर्व मंत्री किरण चौधरी का निर्विरोध राज्यसभा जाना तय हो गया है। किरण ने बुधवार को हरियाणा विधानसभा में राज्यसभा की एक सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए नामांकन-पत्र दाखिल किया।
सीएम नायब सिंह सैनी, प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली तथा त्रिपुरा के पूर्व सीएम व हरियाणा के सह-प्रभारी बिप्लब कुमार देव ने किरण का नामांकन दाखिल करवाया। किरण को भाजपा के अलावा जजपा, हलोपा व निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन किया है।
किरण के मुकाबले प्रमुख विपक्षी दल – कांग्रेस या अन्य किसी भी पार्टी की ओर से उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। ऐसे में किरण चौधरी का राज्यसभा जाना तय हो गया है। किरण चौधरी व उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने 18 जून को कांग्रेस छोड़ी थी। इसके बाद उन्होंने 19 जून को नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। दो दिन पहले ही किरण ने तोशाम हलके से विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। नामांकन वापसी का बुधवार को आखिरी दिन था।
बृहस्पतिवार को नामांकन-पत्रों की छंटनी होगी और 27 अगस्त नामांकन-पत्र वापसी का आखिरी दिन है। तय नियमों के हिसाब से 27 अगस्त को ही किरण चौधरी को राज्यसभा के लिए निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया जाएगा। इसी दिन उन्हें निर्वाचन अधिकारी की ओर से सर्टिफिकेट भी दे दिया जाएगा। इस दौरान मीडिया से बातचीत में सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि जरूरत से अधिक विधायकों ने किरण को समर्थन दिया है।
जजपा के जोगीराम सिहाग, अनूप धानक, रामनिवास सुरजाखेड़ा व रामकुमार गौतम के अलावा सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा व पृथला के निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने भी किरण का समर्थन किया है। किरण चौधरी ने पहली बार 2005 में तोशाम हलके में हुए उपचुनाव के जरिये हरियाणा की राजनीति में एंट्री की थी। किरण के पति सुरेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में कृषि मंत्री थे और उनके निधन की वजह से तोशाम में उपचुनाव हुआ था। किरण भूतूपर्व मुख्यमंत्री स्व. चौ. बंसीलाल की पुत्रवधू हैं।
श्रुति लड़ेंगी तोशाम से विधानसभा
किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ से 2009 में कांग्रेस टिकट पर सांसद बनी थीं। 2014 और 2019 में वे भाजपा के धर्मबीर सिंह के सामने चुनाव हार गईं। इस बार श्रुति को लोकसभा का टिकट नहीं मिला। ऐसे में दोनों मां-बेटी कांग्रेस से नाराज थीं और दोनों ने भाजपा ज्वाइन कर ली। श्रुति को कांग्रेस की कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष बनाया हुआ था। माना जा रहा है कि इस बार तोशाम हलके से श्रुति चौधरी को भाजपा विधानसभा चुनाव लड़वा सकती है।
जाटों को साधने की कोशिश
माना जा रहा है कि बंसीलाल की पुत्रवधू को राज्यसभा भेजकर भाजपा ने जाटों को साधने की कोशिश की है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के जरिये ही किरण ने भाजपा ज्वाइन की थी और उन्हें राज्यसभा भेजने में भी मनोहर लाल की अहम भूमिका माना जाती है। मनोहर लाल हरियाणा के तीनों लाल परिवारों के नेताओं को भाजपा के बैनर तले लाने में कामयाब रहे। भूतपूर्व सीएम चौ. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई पहले ही भाजपा में आ चुके हैं। लोकसभा चुनावों के दौरान भूतपूर्व डिप्टी पीएम और मुख्यमंत्री चौ. देवीलाल के बेटे चौ. रणजीत सिंह को भी मनोहर लाल भाजपा ज्वाइन करवा कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वा चुके हैं।
अब पांचों सांसद भाजपा के
लोकसभा की दस और विधानसभा की नब्बे सीटों वाले हरियाणा में राज्यसभा की पांच सीट हैं। कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफे के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर किरण के निर्विरोध चुने जाने के बाद पांचों सीटें भाजपा के खाते में आ गईं हैं। भाजपा कोटे से रामचंद्र जांगड़ा, सुभाष बराला व कृष्णलाल पंवार पहले से राज्यसभा में हैं। भाजपा के ही समर्थन से पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा भी राज्यसभा में हरियाणा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
भाजपा के साथ हमारा पुराना रिश्ता : किरण
नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से रूबय हुईं किरण चौधरी कहा - भाजपा के साथ हमारे परिवार का बहुत पुराना रिश्ता रहा है। चौ. बंसीलाल ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाई थी और तब पूरा हरियाणा समृद्ध हुआ था। पीएम नरेंद्र मोदी और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की नीतियों से प्रभावित होकर मैं भाजपा में शामिल हुईं। मैंने यह देखते हुए भाजपा ज्वाइन की थी कि आने वाला समय भाजपा का है और भाजपा ही देश व प्रदेश के हित में बेहतर से बेहतर सोच सकती है। जो पार्टी देश और प्रदेश के हित के लिए काम करती है, उससे जुड़ना मेरा सौभाग्य रहा है। किरण ने कहा - मैंने हमेशा बहुत ईमानदारी और नियम से काम किया है। आने वाले समय में सीएम नायब सैनी समेत भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की अपेक्षा के अनुरूप मैं राज्यसभा के अंदर हरियाणा के मुद्दे उठाऊंगी। विधानसभा में भी मैंने प्रदेश हित के मुद्दे लगातार उठाए हैं।