Rajnath In Bihar : राजनाथ के कड़े तेवर- आतंकवादियों का सफाया करने में कोई हिचकिचाहट नहीं, चाहे वे कहीं भी हों
पटना, 2 जुलाई (भाषा)
Rajnath In Bihar : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार आतंकवादियों का सफाया करने में संकोच नहीं करेगी, चाहे वे कहीं भी हों, तथा सरगना और उन्हें प्रायोजित करने वाली सरकारों के बीच कोई अंतर नहीं किया जाएगा। सिंह ने बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए, पड़ोसी देश का नाम लिए बिना पाकिस्तान को यह कड़ा संदेश दिया। राज्य में आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में, ‘सर्जिकल स्ट्राइक' और बालाकोट हवाई हमले जैसे कदमों के साथ देश की सुरक्षा नीति में नया बदलाव आया है। रक्षा मंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद चलाए गए सैन्य अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पहली बार हमने अपनी सीमा से 100 किलोमीटर दूर स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया।
बेशक, हमने केवल उन लोगों पर हमला किया, जिन्होंने हम पर हमला किया था। यही कारण है कि किसी भी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। मोदी के नेतृत्व में, हमारी नीति आतंकवादियों को खत्म करने में संकोच न करने की रही है, चाहे वे कहीं भी हों। हम यह आतंकवादी हमलों के सरगना और उन्हें प्रायोजित करने वाली सरकारों के बीच कोई भेद किए बिना करेंगे। मोदी के ‘‘स्वदेशीकरण'' और ‘‘आत्मनिर्भर भारत'' पर जोर देने के कारण देश के रक्षा निर्यात में वृद्धि देखी गई है।
मोदी सरकार दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ काम करती है, जो पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकारों से बिल्कुल अलग है, जिनमें दिशाहीनता थी और जो वोट बैंक की चिंता से प्रेरित थीं। सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले की टिप्पणी पर उठे विवाद का भी परोक्ष संदर्भ दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि संविधान की प्रस्तावना से ‘पंथनिरपेक्ष' और ‘समाजवादी' शब्दों को हटा दिया जाना चाहिए, क्योंकि इन्हें आपातकाल के दौरान जोड़ा गया था।
मैं फर्जी धर्मनिरपेक्षतावादियों से पूछना चाहता हूं कि देश के संविधान में पंथनिरपेक्ष शब्द जुड़ने के बाद जम्मू कश्मीर के अलग संविधान में इसे क्यों नहीं जोड़ा गया? क्या उस राज्य को पंथनिरपेक्ष नहीं होना चाहिए था, जहां अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे थे? जम्मू कश्मीर तभी पंथनिरपेक्ष बना, जब अनुच्छेद 370 हटाया गया।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि पार्टी (भाजपा) पूरी दुनिया में एकमात्र राजनीतिक संगठन है जिसने पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई और सत्ता में आने पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के रूप में एक ठोस कदम उठाया। भारत ने हमेशा सभी धर्मों से सम्मान के साथ व्यवहार करने में विश्वास किया है। पारसियों को खुले दिल से स्वीकार किया गया। केरल में, दुनिया के सबसे पुराने गिरजाघरों में शामिल गिरजाघर भी है।