मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Rajasthan Borewell Accident : 8 दिन से बोरवेल में फंसी चेतना, बारिश बनी चुनौती...6.5 फुट की और खुदाई बाकी

08:36 PM Dec 30, 2024 IST

जयपुर, 30 दिसंबर (भाषा)

Advertisement

राजस्थान के कोटपूतली जिले के संरूड थाना क्षेत्र में 23 दिसंबर को 150 फुट गहरे बोरवेल में गिरी तीन वर्षीय चेतना को बाहर निकालने के लिए अभियान आठवें दिन भी जारी है। अधिकारियों के अनुसार बचाव दल समानांतर सुरंग खोदने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। कोटपूतली जिले के सरुंड थाना क्षेत्र के कितरपुरा इलाके में भूपेंद्र चौधरी के खेत में उनकी बच्ची चेतना दोपहर करीब तीन बजे बोरवेल में गिर गई थी। उसे सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास लगातार जारी हैं।

बच्ची के परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया
स्थानीय पुलिस और प्रशासन की मदद से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्‍य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यह अभियान संभवत: राज्य में सबसे लंबे बचाव अभियानों में से एक है, जो 160 घंटे से अधिक समय से चल रहा है। बोरवेल में गिरी बच्ची के परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है, जबकि प्रशासन का दावा है कि यह सबसे कठिन अभियानों में से एक है। कोटपूतली-बहरोड़ जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने सोमवार को बताया कि "यह चट्टान की तरह ठोस परत है। बारिश ने भी चुनौती पैदा की है। टीमें समानांतर सुरंग खोदने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। बच्ची तक पहुंचने के लिए लगभग 6.5 फुट की और खुदाई बाकी है।"

Advertisement

उन्होंने कहा कि यह राज्य का सबसे कठिन बचाव अभियान है। एनडीआरएफ टीम के प्रभारी योगेश कुमार मीणा ने बताया कि बचाव अभियान लगातार जारी है। चट्टान सख्त है और इसे काटना टीम के लिए चुनौती बन रहा है। ड्रिलिंग सही दिशा में चल रही है। चट्टान को काटने के लिए एक बार में तीन सदस्यीय टीम काम कर रही है। वहीं परिजनों ने अभियान में देरी के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। बोरवेल में गिरी बच्ची की मां धोली देवी ने शनिवार को कहा, "कई दिनों से मेरी बेटी बोरवेल में फंसी हुई है।

वह भूख और प्यास से तड़प रही है। उसे अब तक बाहर नहीं निकाला गया है। अगर वह कलेक्टर की बच्ची होती तो क्या वह इतने दिनों तक उसे वहां रहने देतीं? कृपया मेरी बेटी को जल्द से जल्द बाहर निकालें।" पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा भी रविवार को घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने परिवार को बोरवेल खुला रखने के लिए और अभियान में देरी के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था।

गुढ़ा ने कहा, "बच्ची को बोरवेल से बाहर निकालने और उसे बचाने में सभी प्रयासरत हैं, लेकिन प्रशासन ने इसमें देरी की। यदि घटना के बाद युद्धस्तर पर अभियान चलाया जाता तो परिणाम बेहतर होते।'' जो तैयारियां पिछले तीन दिनों में की गई, उन्हें छह दिन पहले किया जाना चाहिए था। मुझे पता चला कि जिला कलेक्टर को मौके पर पहुंचने में तीन दिन लग गए। यह शर्म की बात है।"

Advertisement
Tags :
Borewell AccidentBorewell Accident UpdateChetna Rescue OperationDainik Tribune newslatest newsNational Disaster Response ForceRajasthanRajasthan BorewellRajasthan Borewell AccidentRajasthan Borewell NewsRajasthan NewsState Disaster Response Forceदैनिक ट्रिब्यून न्यूजराजस्थानहिंदी समाचार