गुरुग्राम में राव इंद्रजीत को चुनौती देंगे राज बब्बर
दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 30 अप्रैल
कांग्रेस ने गुरुग्राम लोकसभा सीट पर चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। पार्टी ने मंगलवार को अभिनेता व अपने वरिष्ठ नेता राज बब्बर को इस सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया। गुरुग्राम के प्रत्याशी को लेकर पिछले कई दिनों से पेच फंसा हुआ था। राज बब्बर का मुकाबला अहीरवाल के प्रभावशाली नेता केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से होगा।
पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सिफारिश पर पार्टी नेतृत्व ने राज बब्बर के नाम को हरी झंडी दी है। हुड्डा और राज बब्बर के बीच पुराने दोस्ताना संबंध हैं। इस सीट से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव की कोशिशें इस बार कामयाब नहीं हो पाईं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले राज बब्बर तीन बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं। वह 1989 में वीपी सिंह के नेतृत्व में जनता दल में शामिल हुए थे। इसके बाद समाजवादी पार्टी में भी लंबे समय तक सक्रिय रहे, लेकिन 2006 में सपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। साल 2008 से वह कांग्रेस में हैं।
इस बार हरियाणा में कांग्रेस ने प्रत्याशियों के चयन में सोशल इंजीनियरिंग को अपनाया है। बीसी-बी यानी पिछड़ा वर्ग की बी कैटेगरी के दो नेताओं– फरीदाबाद से महेंद्र प्रताप सिंह (गुर्जर) और भिवानी-महेंद्रगढ़ से महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह (यादव) को टिकट दिया जा चुका है। बीसी-ए यानी पिछड़ा वर्ग की ए कैटेगरी को साधते हुए कांग्रेस ने राज बब्बर को गुरुग्राम से टिकट दिया है। वह सुनार जाति से आते हैं। उन्हें पंजाबी सुनार भी कहा जाता है। उनकी पत्नी मुस्लिम हैं। गुरुग्राम के अंतर्गत मेवात जिलाे के मेव बाहुल्य तीन विधानसभा क्षेत्र– नूंह, पुन्हाना और फिरोजपुर-झिरका भी आते हैं। ऐसे में कांग्रेस ने कई वर्गों को साधने की कोशिश की है।
राज का मुकाबला अहीरवाल के ‘राजा’ से
गुरुग्राम में राज बब्बर की राहें इतनी आसान भी नहीं हैं। उनके सामने भाजपा के राव इंद्रजीत सिंह हैं, जिन्हें इलाके के लोग ‘राजा साहब’ कहकर भी बुलाते हैं। वह 2009 से लगातार गुरुग्राम से सांसद बनते आ रहे हैं। इस सीट पर वह जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। इससे पहले 2004 में उन्होंने महेंद्रगढ़ से जीत हासिल की थी। साल 2004 और 2009 के चुनाव में वे कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। भाजपा के टिकट पर गुरुग्राम से उनका लगातार तीसरा चुनाव है।