Rain in Gurugram : गुरुग्राम में बारिश का येलो अलर्ट, वर्क फ्रॉम होम की एडवाइजरी जारी
गुरुग्राम,10 जुलाई, ( हप्र)
Rain in Gurugram : गुरुग्राम में बुधवार की शाम से हो रही भारी बारिश के बीच जिला प्रशासन की ओर से येलो अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही वर्क फ्रॉम होने की एडवाइजरी जारी की गई है। बता दें कि गुरुग्राम में बुधवार की शाम से लेकर गुरुवार सुबह तक 12 घंटे में 133 बारिश हुई। जिसमें से 103 एमएम बारिश तो मात्र 90 मिनट में दर्ज की गई। बारिश के कारण गुरुग्राम के चारों तरफ और शहर केे भीतर भारी जलभराव हो गया।
इसी के चलते जिला प्रशासन ने बारिश का यहां ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। लोगों को घरों पर ही रहने की सलाह दी गई है। जिला उपायुक्त अजय कुमार की ओर से एडवाइजरी जारी करते हुए कहा गया है कि सभी कॉरपोरेट कार्यालय, प्राइवेट संस्थानों को सलाह दी जाती है कि वे गुरुवार 10 जुलाई 2025 को ऐहतियात बरतते हुए वर्क फ्रॉम होम अपने यहां लागू करें, ताकि बरसात से लोगों को दिक्कत कम हो। सडक़ों पर यातायात कम रहे। लोग परेशान ना हों।

गुरुग्राम तहसील में हुई सबसे अधिक 133 एमएम बारिश
मौसम विभाग की ओर से नौ जुलाई की सुबह 8 बजे से 10 जुलाई सुबह 8 बजे तक के जारी आंकड़ों के अनुसार गुरुग्राम तहसील क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश हुई है। गुरुग्राम तहसील में 133 एमएम, वजीराबाद तहसील में 122 एमएम, कादीपुर सब-तहसील में 119 एमएम, हरसरू सब-तहसील में 119, फर्रुखनगर तहसील में 67 एमएम, मानेसर तहसील में 55 एमएम, बादशाहपुर तहसील में 48 एमएम, पटौदी तहसील क्षेत्र में 33 एमएम व सोहना तहसील में 18 एमएम बारिश दर्ज की गई।
सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल में बेसमेंट वार्ड बरसाती पानी में डूबा
मॉनसून की पहली मूसलाधार बारिश में सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल भी पानी से लबालब हो गया। बाहर तो ठीक है, लेकिन अस्पताल की बेसमेंट में भी जलभराव हो गया। नीचे के वार्ड में काफी पानी भर गया। अस्पताल प्रशासन ने गुरुवार की सुबह वार्ड को बेसमेंट से ऊपर की मंजिल पर शिफ्ट किया। सभी मरीज वहां से निकल लिए गए। अब दो महीने तक बेसमेंट में मरीजों को नहीं भेजा जाएगा। सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल की इमारत तो देखने में भव्य नजर आती है, लेकिन इसके चारों तरफ जमीन से पानी का रिसाव होता है। साथ ही एक कोने में सीढिय़ों के ऊपर बनी फाइबर शीट के टूटे होने के कारण ओपीडी क्षेत्र में जलभराव हो जाता है। बुधवार की शाम से लेकर गुरुवार सुबह तक हो रही बरसात से अस्पताल में ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट पानी से भर गये।
बेसमेंट में वार्ड में काफी मरीज भर्ती हैं। पूरा वार्ड पानी-पानी हो गया। स्टाफ पानी में ही मरीजों का उपचार करता नजर आया। मरीजों को वार्ड में जलभराव होने से काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। शायद ही किसी अस्पताल में ऐसा नजारा देखने को मिले कि वार्ड ही पानी से लबालब हो। मरीजों को किसी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने उन्हें ऊपर की मंजिल पर शिफ्ट करने की योजना बनाई। गुरुवार की सुबह से ही मरीजों को शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया गया, ताकि बरसात से और अधिक जलभराव होने पर मरीजों को ज्यादा परेशानी ना उठानी पड़े।

दो महीने तक बेसमेंट वार्ड रहेगा बंद: डा. नीरज यादव
अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डा. नीरज यादव ने बताया कि मरीजों की भलाई के लिए हमने वार्ड को बेसमेंट से ऊपर शिफ्ट किया है। बेसमेंट के वार्ड को अगले दो महीने के लिए बंद कर दिया गया है। मॉनसून सीजन खत्म होने के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा। सितंबर तक सभी मरीज ऊपर की मंजिल पर ही भर्ती किए जाएंगे। यह 30 बेड का वार्ड है, जो कि डी-प्लान के तहत बनवाया गया था। उन्होंने कहा कि अभी तक सर्जिकल व ऑर्थो का एक ही वार्ड है। बरसाती सीजन के बाद इन्हें अलग-अलग किया जाएगा। सोलह बेड का ऑर्थो वार्ड और 30 बेड का सर्जिकल वार्ड होगा।
मानसून की पहली बरसात में मिलेनियम सिटी जलमग्न
साइबर सिटी ग्रुरुग्राम में आखिरकार वो ही हुआ जिसका डर था। नगर निगम के बरसात में जल्दी पानी निकासी के दावे धरे रह गए। मानसून की पहली ढंग की बरसात में गुरुग्राम डूब गया। भले ही निगम पानी निकासी के दावे करता हो, लेकिन गुरुग्राम पानी पानी ही है।
बुधवार की शाम से शुरू हुई बरसात देर रात तक चली। रात नौ बजे तक शहर पानी पानी हो चुका था। चारों तरफ पानी ही पानी था। इसी पानी के बीच वाहनों का लंबा जाम लग गया। गुरुग्राम से बाहर सोसायटी या गांवों की तरफ जाने के लिए कही से रास्ते नहीं थे। पानी इतना ज्यादा भर गया कि दुपहिया वाहनों के साथ कारें भी पानी में डूबने से बंद हो गई। लोगों की परेशानी और बढ़ गई। चाहकर भी लोग कुछ नहीं कर पा रहे थे। जलभराव की बात करें तो सिद्धेश्वर मंदिर।
चौक, रेलवे रोड, शिवाजी नगर, बसई रोड पर अर्जुन नगर वाली शिव मूर्ति चौक से लेकर पटौदी चौक, इससे आगे शनि मंदिर चौक से लेकर सकता नौ नागरिक अस्पताल तक, आगे बसई चौक से बसई पुराने फ्लाईओवर तक, सेक्टर नौ वाली रोड, सेक्टर 10 के भीतर, सेक्टर 10 से हीरो होंडा चौक, नेशन हाइवे 48 पर हीरो होंडा चौक से नरसिंहपुर तक, रेलवे स्टेशन से भीमगढ़ खेड़ी, कोसको फुटबॉल फैक्ट्री के सामने, छोटी पंचायत धर्मशाला रोड, राजेंद्रा फ्लाईओवर से द्वारका एक्सप्रेस से कनेक्टिविटी सहित अनेक स्थानों पर जलभराव हो गया।

सड़कों के गड्ढों ने भी रुलाया
शहर की सड़कों में बने गड्ढों ने भी वाहन चालकों को खूब रुलाया। टूटी सड़के और गड्ढे पानी ।इ कही नजर नहीं आते। ऐसे में कई जगह पर दुपहिया वाहन चालकों गड्ढों में गिरकर चोटिल हुए। इसकी जवाबदेही तय होनी ही चाहिए कि बारिश से पहले सड़कों के गड्ढे क्यों नहीं भरे गए। कुछ जगह पर ऐसा किया जरूर गया, लेकिन हल्की बारिश में घटिया सामग्री से पैच वर्क उखड़ गए और गड्ढे बन गए। कई जगह तो ऐसी है जहां कई साल से गड्ढे है, लेकिन नगर निगम ने उन गड्ढों को भरने की कभी जहमत नहीं उठाई।
शहर में कई सड़कों पर गड्ढों में लोगों को चोटिल होने के लिए छोड़ दिया गया है। सिद्धेश्वर चौक, सोहना अड्डा, अर्जुन नगर, पुराना और नया रेलवे रोड, शिवाजी नगर, घंटेश्वर मंदिर चौक, पटौदी चौक से कादीपुर चौक तक, चार आठ मरला, मदनपुरी समेत अनेक ऐसे स्थान है जहां पर कई कई साल से गड्ढे है, लेकिन नगर निगम ने इनको भरने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
रोड टैक्स, हाउस टैक्स समेत कई टैक्स जनता देती है, मगर उस टैक्स के पैसे से सुविधाएं नहीं दी जा रहीं। नगर निगम की कार्यप्रणाली पर लोग सवाल उठा रहें है कि आखिर बड़े बड़े दावे किसलिए करते है जब काम करना ही नहीं होता। शहर की बदली को देखकर लगता है कि नगर निगम कुछ काम नहीं कर रहा। नालों की सफाई तक पूरी नहीं की गई। कई जगह नालों के कनेक्शन ही नहीं है। संबंधित विभागों की इस पर जवाबदेही होनी चाहिए।