Indian Railways: रेल मंत्री बोले- संपूर्ण रेल नेटवर्क पर ‘कवच' लगाने के लिए दिन रात एक कर देंगे
नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा)
Indian Railways: बढ़ते रेल हादसों व रेलवे की सुरक्षा को लेकर विपक्ष द्वारा घेरे जाने के बाद रेल मंत्री ने जवाब दिया। विपक्षी दलों पर ‘झूठ की दुकान' चलाने का आरोप लगाते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि रेलवे में सुरक्षा की ‘कवच' प्रणाली के आधुनिक संस्करण को देश के प्रत्येक किलोमीटर रेल नेटवर्क पर लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर लोकसभा में पिछले दो दिन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वैष्णव ने यह भी बताया कि रेलगाड़ियों में सामान्य डिब्बों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए करीब ढाई हजार सामान्य कोच के उत्पादन का विचार सरकार ने किया है, 50 और अमृत ट्रेन के निर्माण का फैसला लिया गया है तथा कम दूरी वाले दो शहरों के बीच वंदे मेट्रो चलाई जाएंगी।
Union Minister @AshwiniVaishnaw replies on Demands for Grants under the control of the Ministry of Railways for 2024-25 in Lok Sabha
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उन्होंने कहा कि ट्रेनों की सुरक्षा के लिए स्वचालित रेलगाड़ी सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली दुनिया के अधिकतर देशों में 1970 और 1980 के दशक में लगाई गई थी, लेकिन ‘‘दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस के 58 साल के कार्यकाल में और 2014 से पहले तक भारत के एक भी किलोमीटर रेलवे नेटवर्क पर यह प्रणाली नहीं लग पाई।''
#WATCH। मैं धन्यवाद देना चाहूंगा उन 12 लाख रेलवे परिवार को जो हर मौसम में दिन-रात लगके रोजाना करीब 20 हजार से ज्यादा ट्रेन चलाते हैं और इस देश की सेवा करते हैं। @AshwiniVaishnaw #Budget2024 #LokSabha @RailMinIndia pic.twitter.com/NCmHhM8XGO
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उन्होंने कहा, ‘‘ हम मानते हैं कि कांग्रेस के समय रेलवे में कई प्रयोग किए गए, लेकिन जिस संवेदना के साथ या जिस भावना से काम होना चाहिए, नही किया गया।''
Responding to concerns about the growing travel demand in the Railways, Shri Vaishnaw informed the House that 2,500 general coaches will be produced in the coming months, with a total target of manufacturing 10,000 coaches.@AshwiniVaishnaw @RailMinIndia pic.twitter.com/bTG5dTU4fW
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पश्चिम बंगाल के कुछ सदस्यों द्वारा ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहने के दौरान लागू ‘टक्कर रोधी उपकरण' प्रणाली का उल्लेख किए जाने पर वैष्णव ने कहा कि 2006 में देश के करीब 1500 किलोमीटर रेल मार्ग पर यह प्रणाली लगाई गई।
#WATCH। पिछले 10 वर्षों के दौरान रेलवे में हुई भर्तियों की संख्या पर लोक सभा में बोले रेल मंत्री @AshwiniVaishnaw#Budget2024 #LokSabha @RailMinIndia pic.twitter.com/cUwebjgwJ7
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उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से इसका कोई सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं था और 2012 में इसे हटा दिया गया। काम करने की जैसी पद्धति, रेलवे में जैसी गंभीरता होनी चाहिए थी, तब नहीं थी, लेकिन आज है।'' विपक्ष के कुछ सदस्य इस पर आपत्ति जताते देखे गए।
रेल मंत्री ने कहा, ‘‘मैं यहां राजनीति नहीं करना चाहता, तथ्यों को सबके सामने स्पष्ट रूप से रखना चाहता हूं।'' उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद ‘कवच' प्रणाली के बारे में विचार किया गया और 2016 में इसे लागू करने का निर्णय ले लिया गया।
वैष्णव ने कहा कि 2019 में ‘कवच' के लिए सबसे उच्चतम स्तर के प्रमाणपत्र को प्राप्त कर लिया गया जिसे प्राप्त करने की एक कठिन प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड के बावजूद 2020 और 2021 में इसके आगे के परीक्षण हुए और 2022 में 3000 किलोमीटर रेल नेटवर्क की परियोजना में कवच का क्रियान्वयन किया गया और इस दौरान काफी कुछ सीखने को मिला। सभी बातों को ध्यान में रखते हुए 17 जुलाई 2024 को कवच का संस्करण 4.0 स्वीकृत किया गया है।''
वैष्णव ने कहा, ‘‘हमारे पास इस तकनीक के तीन विनिर्माता हैं, दो नए विनिर्माता जुड़ने वाले हैं, 8000 से अधिक इंजीनियर और कर्मियों को इसका प्रशिक्षण दिया गया है तथा छह विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया गया है।''
उन्होंने कहा कि इतने परिश्रम के बाद 9000 किलोमीटर रेलमार्ग के लिए निविदा की प्रक्रिया चल रही है। वैष्णव ने कहा कि भारत में रेलवे का करीब 70 हजार किलोमीटर का नेटवर्क है।
उन्होंने कहा कि इससे आधे नेटवर्क के आकार वाले देशों ने एटीपी प्रणाली को लागू करने में करीब 20 साल लगाए। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं भरोसा दिलाना चाहूंगा कि कवच को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। दिन रात लगकर और जी-जान लगाकर पूरे नेटवर्क पर और प्रत्येक किलोमीटर रेलमार्ग पर इसे लगाने का पूरा का पूरा प्रयास करेंगे।''
विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच रेल मंत्री के जवाब के बाद सदन ने रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों को मंजूरी दे दी। रेल मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार इस बात को गंभीरता से मानती है कि रेलवे साधारण गरीब जनता और मध्यम वर्ग की सवारी है और इसी को ध्यान में रखते हुए पिछले 10 वर्ष में कई कदम उठाए गए हैं।
वैष्णव ने कहा कि देश में सामान्य डिब्बों की मांग बढ़ रही है और उसे ध्यान में रखते हुए करीब ढाई हजार सामान्य कोच के उत्पादन की योजना है। उन्होंने कहा कि अब देश में सामान्य डिब्बों की कमी नहीं रहेगी।
रेल मंत्री ने अमृत भारत ट्रेन का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक ऐसी ट्रेन की कल्पना की जिसमें विश्वस्तरीय सुविधा हों, लेकिन किराया कम से कम हो। उन्होंने कहा कि जनवरी में सफल परीक्षण के बाद देश में दो नई अमृत भारत ट्रेन का उद्घाटन अयोध्या स्टेशन से किया गया जो माल्दा से बेंगलुरु और दरभंगा से दिल्ली के बीच संचालित हो रही हैं।
वैष्णव ने कहा कि दोनों में पिछले सभी ट्रेनों से कई गुना बेहतर सुविधाएं हैं और दोनों बहुत लोकप्रिय हो रही हैं जिसे देखते हुए सरकार ने 50 और अमृत भारत ट्रेन के उत्पादन का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक तौर पर सदन के बाहर कांग्रेस और विपक्षी दलों के विचार आते हैं कि अमृत भारत ट्रेन नहीं चाहिए। लेकिन सदन में चर्चा के दौरान विपक्ष के अनेक सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी के इस महत्वाकांक्षी नवाचार और आत्मनिर्भर भारत की ताकत को माना है। इसके लिए धन्यवाद।''
वैष्णव ने ट्रेनों के संचालन में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि वंदे भारत ट्रेन हर राज्य में संचालित की जा रही है और किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया गया है। उन्होंने सदन में घोषणा की कि कम दूरी वाले शहरों, जिनके बीच दूरी 150 और 200 किलोमीटर है, के बीच रीजनल ट्रेन की तर्ज पर वंदे मेट्रो चलाने का निर्णय लिया गया है जिसे डिजाइन किया जा चुका है और परीक्षण चल रहा है।
वैष्णव ने कहा कि वंदे मेट्रो का जल्द उद्घाटन होगा और यह अनेक विशेषताओं के साथ यात्रियों के लिए वरदान साबित होगी। रेलवे में सुरक्षा को प्राथमिकता दिऐ जाने का दावा करते हुए वैष्णव ने कहा कि देश में 2019 में करीब 2000 मानवरहित रेलवे फाटक थे जिन्हें गेट लगाकर, अंडरपास या आरओबी बनाकर पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक देश में 2964 रेलवे स्टेशन का नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के माध्यम से किया गया है और अलग-अलग विनिर्माताओं के आपस में परिचालन को जोड़ने का काम किया गया है। रेल मंत्री ने कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के 10 साल और मोदी सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में रेलवे में किए गए कार्यों की तुलना करते हुए राजग सरकार की अनेक उपलब्धियां गिनाईं।
उन्होंने कहा कि संप्रग के 10 वर्ष के कार्यकाल में करीब 32 हजार किलोमीटर पटरियों का नवीनीकरण किया गया था, वहीं राजग के 10 साल में 43 हजार पटरियों को नवीनीकृत किया गया है। वैष्णव ने कहा कि सरकार 1950 की तकनीक वाले सभी रेल कोच को बदलेगी और आज की प्रौद्योगिकी को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह नए कोच की डिजाइन का काम हाथ में लिया गया है जिस पर हमारे ही देश के इजीनियर काम कर रहे हैं।
रेल मंत्री ने दावा किया कि संप्रग के 10 साल के कार्यकाल में हर साल औसत करीब 171 रेल दुर्घटनाएं होती थीं जिनमें मोदी सरकार के शासन में करीब 68 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमें इस पर संतोष नहीं करना चाहिए। हम सब को मिलकर सुरक्षा के हर पहलू पर पूरे जी-जान से प्रयास करना चाहिए और मोदी सरकार इसके लिए कटिबद्ध है।''
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के कुछ आरोपों के संदर्भ में रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘‘विपक्ष ने सोशल मीडिया पर अपनी ट्रोल आर्मी के माध्यम से कई विषय उठाए हैं जिससे ये रोजाना ट्रेनों में यात्रा करने वाले दो करोड़ यात्रियों के मन में भय भरना चाहते हैं। कांग्रेस जो झूठ की दुकान लगाने में लगी है, वह दुकान चलेगी नहीं। यह राजनीति चलेगी नहीं।''
उन्होंने कहा कि 12 लाख रेल कर्मी दिन रात मेहनत करते हैं, ‘‘हमें उनकी ताली बजाकर हिम्मत बढ़ानी चाहिए।'' इसके बाद वैष्णव ने कुछ सैकंड तक जोरदार तरीके से मेज थपथपाई और उनके साथ सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी मेजें थपथपाईं। उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे में वो ताकत है कि हमारे इंजीनियर और कर्मी किसी भी समस्या और बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना करने को तैयार हैं।''