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राहुल गांधी पहुंचे दिल्ली, हरियाणा कांग्रेस की टिकटों पर मंथन संभव

09:05 AM Apr 24, 2024 IST
राहुल गांधी पहुंचे दिल्ली  हरियाणा कांग्रेस की टिकटों पर मंथन संभव
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 23 अप्रैल
हरियाणा में कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवारों के चयन की घड़ी अब नजदीक आ गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी वायनाड (केरल) के चुनाव से फ्री हो गए हैं। उनके बुधवार को नई दिल्ली लौटने के बाद उन सीटों पर मंथन हो सकता है, जिन पर पेच फंसा हुआ है। टिकटों को लेकर विवाद अकेले हरियाणा नहीं बल्कि कुछ और राज्यों में भी है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस तरह के संकेत दिए हैं कि कुछ सीटों पर राहुल गांधी से चर्चा होगी। हालांकि दो दिन फूड प्वाइजनिंग के चलते राहुल गांधी का स्वास्थ्य भी खराब रहा। दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सलमान खुर्शीद और मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता वाली सब-कमेटी की रिपोर्ट पर भी इसलिए फैसला नहीं हो पाया है, क्योंकि कुछ सीटों पर हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की राय जुदा है। पार्टी नेतृत्व की कोशिश है कि टिकटों की घोषणा से पहले सर्वसम्मति बना ली जाए ताकि पार्टी को चुनावों में किसी तरह का नुकसान न हो। कांग्रेस गलियारों में इस तरह की भी चर्चा है कि पार्टी नेतृत्व चुनावी रणनीतिकार सुनील कोनूगोलू की रिपोर्ट पर भी विचार-विमर्श कर रहा है। दरअसल, हरियाणा की सीटों को लेकर उनकी टीम ने सर्वे किया है। सर्वे रिपोर्ट पार्टी को सौंपी जा चुकी है। तीन-चार संसदीय क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें टिकट के दावेदार उम्मीदवारों और सर्वे में आए नाम में अंतर है। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में भी टिकटों पर किसी तरह की सहमति नहीं बन सकी थी। इसी के चलते सलमान खुर्शीद और मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में सब-कमेटी बनाई गई। सब-कमेटी ने प्रदेश कांग्रेस के अधिकांश दिग्गज नेताओं से विचार-विमर्श किया। उनसे लिए गए फीडबैक के आधार पर संभावित प्रत्याशियों की सूची भी तय की गई, लेकिन उस पर भी फैसला नहीं हो सका। माना जा रहा है कि राहुल गांधी से विचार-विमर्श होने के बाद प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कभी भी किया जा सकता है। अगले एक-दो दिन में ही राहुल के सामने पूरा मुद्दा रखे जाने की संभावना है।
दिल्ली से जुड़े कांग्रेस के भरोसेमंद सूत्रों का कहना कि हिसार, भिवानी-महेंद्रगढ़, सोनीपत व करनाल में जिन नेताओं के नाम आगे बढ़ाए जा रहे हैं, उन्हें सुनील कोनूगोलू की सर्वे रिपोर्ट में वेट नहीं मिला है। वहीं जिन चेहरों को इस रिपोर्ट में मजबूत माना गया है, उनके नाम पर भी सस्पेंस बना हुआ है। धड़ों में बंटी कांग्रेस का एक खेमा अपनी पसंद के उम्मीदवार चाहता है तो दूसरा पक्ष खुद की पसंद-नापंसद को तवज्जो दिए जाने की वकालत कर रहा है।
वहीं दूसरी ओर, नेताओं की आपसी खींचतान के चलते कुछ सीटों पर पेच इसलिए भी फंसा है, क्योंकि वहां जातिगत समीकरण आड़े आ रहे हैं। करनाल और सोनीपत की सीट इनमें प्रमुख हैं, जो जातिगत समीकरण के चलते लटकी हैं।
इन दोनों क्षेत्रों में से किसी एक जगह ब्राह्मण कोटे से उम्मीदवार दिया जाना है। करनाल से अगर किसी गैर-ब्राह्मण को टिकट मिलता है तो सोनीपत से ब्राह्मण उम्मीदवार के आने की संभावना बढ़ जाएगी। करनाल से ब्राह्मण को टिकट मिलने पर सोनीपत से जाट कोटे से टिकट मिलनी तय हो जाएगी।

हिसार सीट पर विवाद

इसी तरह से हिसार सीट पर भी दिग्गजों के बीच टकराव है। भाजपा के सीटिंग सांसद होते हुए कांग्रेस में आने वाले बृजेंद्र सिंह का हिसार में काफी मजबूत क्लेम बना हुआ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ‘जेपी’ भी मजबूती के साथ टिकट के लिए अड़े हैं। बृजेंद्र सिंह की राह में रोड़ा अटकाने के लिए हिसार सीट पर पिछड़ा वर्ग कार्ड खेलने की भी अंदरखाने प्लानिंग की गई। ऐसे में पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला और सेवानिवृत्त आईएएस चंद्रप्रकाश का नाम भी आगे बढ़ाया गया। हालांकि बृजेंद्र सिंह की टिकट कट पाएगी, इसके आसार कम ही नजर आते हैं। माना जा रहा है कि इसी तरह के विवादों के चलते मामला राहुल गांधी के पास पहुंचने के आसार हैं।

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घरानों में जंग

दूसरी ओर, भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर भी पेच फंसा हुआ है। इस सीट पर प्रदेश की राजनीति के बड़े घराने यानी चौ. बंसीलाल की पोत्री श्रुति चौधरी की टिकट को लेकर एक खेमा लॉबिंग कर रहा है। वहीं दूसरा गुट महेंद्रगढ़ विधायक राव दान सिंह को भिवानी-महेंद्रगढ़ से चुनाव लड़वाने के पक्ष में है। गुरुग्राम से फिल्म अभिनेता और पूर्व सांसद राज बब्बर को टिकट मिलने की सूरत में भिवानी-महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह की टिकट कंफर्म हो जाएगी।

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