Rahul Gandhi in Maharashtra: राहुल का तंज- ये संविधान की किताब कोरी नहीं, उन्हें क्या पता जिन्होंने पढ़ा नहीं
नंदूरबार (महाराष्ट्र), 14 नवंबर (भाषा)
Rahul Gandhi in Maharashtra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगता है कि संविधान की ‘लाल किताब' जो वह अपने पास रखते हैं, वह कोरी है क्योंकि उन्होंने (मोदी ने) इसे कभी पढ़ा ही नहीं है।
गांधी ने महाराष्ट्र के नंदूरबार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान में भारत की आत्मा और बिरसा मुंडा, डॉ. बी. आर. आंबेडकर और महात्मा गांधी जैसे राष्ट्र नायकों द्वारा परिकल्पित सिद्धांत शामिल हैं।
LIVE: Shri @RahulGandhi addresses the public in Nandurbar, Maharashtra. https://t.co/9V8GDOCycx
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उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को किताब के लाल रंग पर आपत्ति है (जिसे गांधी रैलियों में दिखाते रहे हैं)। लेकिन हमारे लिए, रंग चाहे जो भी हो, हम इसे (संविधान को) बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपनी जान देने के लिए भी तैयार हैं। मोदी जी को लगता है कि संविधान पुस्तिका कोरी है क्योंकि उन्होंने इसे कभी पढ़ा ही नहीं है।''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं जनसभाओं में जो संविधान दिखाता हूं, वो खाली है।
नरेंद्र मोदी जी के लिए संविधान खाली है, क्योंकि उन्होंने कभी इसे पढ़ा ही नहीं है।
वे कहते हैं कि राहुल गांधी लाल रंग का संविधान दिखाता है।
मोदी जी, इसके रंग से हमें फर्क नहीं पड़ता, लेकिन… pic.twitter.com/Hcq7SzsZOy
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लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों को निर्णय लेने में प्रतिनिधित्व मिले। भाजपा नेताओं ने बीस नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान में गांधी द्वारा प्रदर्शित ‘‘लाल किताब'' को ‘‘शहरी नक्सलवाद'' से जोड़ने का प्रयास किया है।
नरेंद्र मोदी कहते हैं- संविधान खाली है, खोखला है।
मोदी जी,
ये संविधान खोखला नहीं है। इसमें बिरसा मुंडा जी, भगवान बुद्ध, गांधी जी, फुले जी की सोच है।इस संविधान में हिंदुस्तान का ज्ञान है, देश की आत्मा है।
जब नरेंद्र मोदी संविधान को खोखला कहते हैं, तो वे बिरसा मुंडा जी, भगवान… pic.twitter.com/6W4tGCzO9V
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गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ऐसी टिप्पणियां करके राष्ट्र नायकों का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) आदिवासियों को आदिवासी के बजाय ‘‘वनवासी'' कहकर उनका अपमान करते हैं।
महाराष्ट्र की सरकार यहां के प्रोजेक्ट्स को दूसरे प्रदेश में भेजती है, इस कारण यहां के लोगों को नौकरी करने दूसरे राज्य में जाना पड़ता है।
पूरी लिस्ट है..
• वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट से 10 हजार युवाओं को रोजगार मिलता, जिसे BJP ने गुजरात भेज दिया।
• टाटा एयरबस… pic.twitter.com/fZz7mnvH4X
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आदिवासी देश के पहले मालिक
गांधी ने कहा, ‘‘आदिवासी देश के पहले मालिक हैं और जल, जंगल और जमीन पर पहला अधिकार उनका है। लेकिन भाजपा चाहती है कि आदिवासी जंगल में ही रहें, उनके पास कोई अधिकार नहीं है। बिरसा मुंडा ने इसके लिए लड़ाई लड़ी थी और अपने प्राणों का बलिदान दिया था।''
भू-अधिग्रहण बिल और PESA कानून लाकर कांग्रेस ने आपके जल-जंगल-जमीन की रक्षा की थी।
लेकिन BJP ने सत्ता में आते ही आपको 'वनवासी' कहा और आपके अधिकार छीनने शुरू कर दिए।
वनवासी का मतलब-
• आपके बच्चों को अच्छी शिक्षा न मिले
• आपके बच्चे इंजीनियर और डॉक्टर, पायलट न बनें
• आपके… pic.twitter.com/c8ScaEsKI9— Congress (@INCIndia) November 14, 2024
विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के घोषणापत्र का हवाला देते हुए गांधी ने कहा कि महिलाओं, किसानों और युवाओं को 3,000 रुपये मासिक सहायता और निशुल्क बस यात्रा, तीन लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफी और बेरोजगार युवाओं को 4,000 रुपये प्रति माह सहायता जैसे प्रावधानों के साथ संरक्षित किया जायेगा।
✨ महाराष्ट्र के लिए महाविकास आघाड़ी की गारंटी ✨
महालक्ष्मी
🔹 महिलाओं को हर महीने 3,000 रुपए
🔹 महिलाओं के लिए फ्री बस सेवासमानता की गारंटी
🔹 जातिगत जनगणना होगी
🔹 50% आरक्षण की सीमा हटाएंगेकुटुंब रक्षा
🔹 25 लाख रुपए तक स्वास्थ्य बीमा
🔹 मुफ्त दवाकृषि समृद्धि
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जाति जनगणना की मांग दोहराई
उन्होंने जाति आधारित गणना की मांग दोहराते हुए कहा कि इससे महाराष्ट्र में आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों की संख्या और संसाधनों में उनकी हिस्सेदारी का पता लगाने में मदद मिलेगी। गांधी ने दावा किया कि वर्तमान में आठ प्रतिशत आदिवासी आबादी में से निर्णय लेने में उनकी हिस्सेदारी केवल एक प्रतिशत है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र से पांच लाख नौकरियां छीन ली गई हैं क्योंकि विभिन्न बड़ी परियोजनाएं अन्य राज्यों में स्थानांतरित कर दी गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार इसकी अनुमति नहीं देगी। महाराष्ट्र के लिए बनी परियोजनाएं यहीं रहेंगी जबकि गुजरात के लिए बनी परियोजनाएं वहां रहेंगी।''