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मोदी सरनेम मामले में राहुल को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

05:34 PM Jul 07, 2023 IST

अहमदाबाद, 7 जुलाई (भाषा)
गुजरात हाईकोर्ट ने ‘मोदी सरनेम' वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करने संबंधी उनकी याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि राहुल पहले ही देशभर में 10 मामलों का सामना कर रहे हैं और निचली अदालत का कांग्रेस नेता को उनकी टिप्पणियों के लिए दो साल कारावास की सजा सुनाने का आदेश ‘न्यायसंगत, उचित और वैध' है। यदि दोषसिद्धि पर रोक लग जाती, तो इससे राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो जाता। कोर्ट ने कहा, ‘इस शिकायत के बाद, वीर सावरकर के पोते ने कैम्ब्रिज में गांधी द्वारा वीर सावरकर के खिलाफ दिए गए अपमानजनक बयान को लेकर पुणे की एक अदालत में एक और शिकायत दर्ज कराई गई थी। उनके खिलाफ एक और शिकायत लखनऊ की संबंधित अदालत में दर्ज की गई थी।' न्यायाधीश ने आदेश पढ़ते हुए कहा, ‘अपीली अदालत द्वारा पारित किया गया आदेश उचित एवं वैध है और इसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।' उन्होंने सूरत की जिला एवं सत्र अदालत को दोषसिद्धि के फैसले के खिलाफ राहुल की याचिका पर ‘जल्द से जल्द' सुनवाई करने को कहा। अदालत के इस फैसले से नाखुश गुजरात में कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने कहा कि पार्टी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी जी इस अहंकारी सत्ता के सामने सत्य और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। अहंकारी सत्ता चाहती है कि उनसे महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं, युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो... सच को दबाया नहीं जा सकता... सत्य की जीत होगी।' कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, ‘हम फैसले पर अध्ययन करेंगे और सभी कानूनी विकल्पों पर गौर करेंगे। राहुल जी निडर आवाज हैं जो मोदी सरकार को घेरते हैं। कोई ताकत उन्हें चुप नहीं करा सकती।'
उधर, भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘आज का निर्णय विधि सम्मत है, उचित है और स्वायत योग्य है।' उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी लोगों को अपमानित करना अपना अधिकार समझते हैं तो कानून भी है, जो उनसे निपटेगा... अपमानित होने वाले का भी अधिकार है कि वह न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाए। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी का अपनी वाणी पर कोई नियंत्रण नहीं है। अदालत ने उनको माफी मांगने का मौका भी दिया था लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। यह आपका गैरजिम्मेदाराना अहंकार है।'
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यह है मामला
राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि ‘सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?' गुजरात में भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

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मामलेराहुलसरनेमहाईकोर्ट