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रघुबीर कादियान ने रचा इतिहास, एक ही सीट पर छठी बार जीत दर्ज

09:40 AM Oct 09, 2024 IST
रघुबीर कादियान ने रचा इतिहास  एक ही सीट पर छठी बार जीत दर्ज
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चंडीगढ़, 8 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान ने प्रदेश की राजनीति में नया इतिहास रच दिया है। एक ही विधानसभा सीट से लगातार जीत का ‘सिक्सर’ उन्होंने लगाया है। बेरी हलके से उन्होंने लगातार छठी बार चुनाव जीता है। अहम बात यह है कि वे सभी आमचुनाव जीते हैं। इससे पहले वे एक बार 1987 में भी लोकदल की टिकट पर बेरी से विधायक रह चुके हैं। मौजूदा विधानसभा के सभी वरिष्ठ और वयोवृद्ध नेताओं में वे शुमार हैं।
हालांकि 1991 में वे लोकदल की टिकट पर कांग्रेस के ओमप्रकाश बेरी के हाथों चुनाव हार गए थे। इसके बाद उन्होंने लोकदल छोड़ दी और वे कांग्रेस में शामिल हो गए। 1996 में उन्होंने कांग्रेस टिकट पर बेरी से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार वे समता पार्टी (अब इनेलो) के डॉ़ वीरेंद्र पाल के हाथों फिर से चुनाव हार गए। 2000 में रघुबीर सिंह कादियान ने कम-बैक किया और इनेलो के डॉ़ वीरेंद्र पाल को चुनाव हराकर वे फिर से विधानसभा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
2000 के बाद उन्होंने 2005 में इनेलो के ओम पहलवान, 2009 और 2014 में कांग्रेस के ही बागी चत्तर सिंह पहलवान तथा 2019 में भाजपा के विक्रम सिंह कादियान को शिकस्त देकर बेरी की सीट पर लगातार पांचवीं बार जीत हासिल की। इस बार भाजपा ने बेरी से कादियान के सामने संजय कबलाना को टिकट दिया। संजय कबलाना ने 2019 का चुनाव जजपा टिकट पर बादली से लड़ा था। भाजपा के बागी अमित डीघल ने बेरी से निर्दलीय चुनाव लड़ा। कादियान 35 हजार 470 मतों के अंतर से लगातार छठी बार चुनाव जीते थे। संजय कबलाना को 25 हजार 160 और अमित डीघल को 24 हजार 626 वोट हासिल हुए। झज्जर जिले के ही तहत आने वाले बादली हलके से पूर्व मंत्री चौ़ धीरपाल सिंह भी लगातार पांच बार चुनाव जीते थे। धीरपाल सिंह इस बेल्ट में इनेलो का बड़ा चेहरा हुआ करते थे। धीरपाल सिंह ने 1982 में पहली बार बादली से लोकदल की टिकट पर जीत हासिल की। इसके बाद वे 1987, 1991, 1996 और 2000 में भी बादली हलके से विधायक रहे। इसी तरह हरियाणा में लगातार छह बार चुनाव जीतने का रिकार्ड पहले से ही पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के नाम दर्ज है।
हालांकि कैप्टन अजय सिंह यादव पहली बार 1989 में रेवाड़ी में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे थे। दरअसल, 1987 में रघु यादव ने लोकदल की टिकट पर रेवाड़ी से जीत हासिल की थी। उस समय चौ. देवीलाल के साथ उनका किसी मुद्दे पर टकराव हो गया था। इसके चलते उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और रेवाड़ी में उपचुनाव हुआ। उपचुनाव में अजय सिंह यादव ने जीत हासिल की। इसके बाद अजय सिंह यादव ने लगातार पांच और चुनावों में जीत हासिल की। 1991 में अजय सिंह यादव फिर से कांग्रेस टिकट पर विधायक बनने में कामयाब रहे। इस चुनाव में अजय सिंह यादव 33 हजार 922 वोट लेकर विजयी हुए।
उनके मुकाबले चुनाव लड़ रहे हरियाणा विकास पार्टी के राजेंद्र सिंह, भाजपा के शिव रत्तन सिंह, लोकदल के जगन सिंह सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। 1996 में अजय सिंह यादव ने निर्दलीय रणधीर सिंह कापड़ीवास को शिकस्त दी और तीसरी बार जीत हासिल की। इसके बाद 2005 और 2009 में भी वे चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। हुड्डा सरकार के कार्यकाल में वे सिंचाई व वित्त सहित विभिन्न विभागों के मंत्री रहे।

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