हरियाणा में आरक्षण के भीतर भी मिलेगा कोटा
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 18 अक्तूबर
हरियाणा की नायब सरकार ने शुक्रवार को अपनी पहली कैबिनेट बैठक में अनुसूचित जाति वर्ग और किसानों को खुश करने की कोशिश की। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय को लागू करने का फैसला लिया गया, जिसमें आरक्षण देने के लिए अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का राज्यों को अधिकार दिया गया है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार अपने फैसले पर अडिग है। राज्य में किसानों की सभी 24 फसलों को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीदा जाएगा।
‘लाडो’ स्कीम से जुड़ा एजेंडा भी बैठक में था, लेकिन इसमें कुछ कमियां होने की वजह से इस पर अधिक चर्चा नहीं हो सकी और फिलहाल इसे टाल दिया गया। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में लाडो स्कीम के तहत 18 से 60 वर्ष तक की बहन-बेटियों को 2100 रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी। सूत्रों का कहना है कि लाडो स्कीम में उन बहन-बेटियों को कवर किया जाएगा, जिनके परिवार की सालाना आय 3 लाख रुपये तक है। जिस परिवार में सरकारी नौकरी है या कौशल रोजगार निगम व अन्य किसी भी माध्यम से आय के साधन हैं, जो उन परिवारों की बहन-बेटियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। स्कीम का प्रारूप नये सिरे से तैयार होगा।
बैठक में विधानसभा सत्र को लेकर बातचीत हुई, लेकिन फिर यह तय किया गया कि जल्द ही कैबिनेट की एक और बैठक की जाएगी।
ज्यादा जरूरतमंद लोगों को होगा फायदा
कैबिनेट ने एससी आरक्षण के उप-वर्गीकरण का फैसला लिया है ताकि आरक्षण के भीतर भी कोटा लागू हो सके। इस आरक्षण का लाभ, उसी वर्ग के ज्यादा जरूरतमंद लोगों को मिल सकेगा। एससी-एसटी में क्रीमी लेयर की पहचान के लिए नीति भी बनाई जाएगी। उप-वर्गीकरण वाली जातियों को सौ प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि वर्गीकरण तर्कसंगत सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए। इसके लिए कम प्रतिनिधित्व और ज्यादा जरूरतमंद साबित करने के लिए आंकड़े जुटाए जाएंगे। उप-वर्गीकरण का अधिकार सरकार के पास होगा, लेकिन एससी जाति के कुछ वर्गों तक ही आरक्षण का लाभ सीमित नहीं किया जा सकता। मूल वर्ग और उपवर्ग दोनों को आरक्षण का लाभ देना होगा। प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण है। कैबिनेट के फैसले को लागू करने के लिए पहले नीति का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। फिर विधानसभा की मुहर लगेगी। प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग में 36, पिछड़ा वर्ग-ए में 71 और पिछड़ा वर्ग बी में आठ जातियां हैं।