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गुणवत्ता का परिश्रम लाता है खुशहाली

11:41 AM Aug 08, 2022 IST

‘एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि आगे बढ़ने का रास्ता न तो आसान होता है, न ही छोटा और न ही जल्दी ख़त्म होने वाला होता है।’—कहना है दो बार नोबेल पुरस्कार विजेता मैडम मैरी क्यूरी का। इसीलिए कहते हैं कि बेहतर समय की तैयारी के लिए बुरा समय अच्छा होता है, तभी इंसान कुछ पाने के लिए कमर कस कर जुट जाता है। अमेरिकी लेखक एच. जैक्सन ब्राउन जूनियर इसे यूं समझाते हैं कि कल की सबसे अच्छी तैयारी यही हो सकती है कि आज अपना सर्वश्रेष्ठ देना शुरू कर दें। अगर कोई इंसान बीते साल से बेहतर स्थिति में है, तो यही हर किसी का जिंदगी की ख़ुशहाली मापने का तरीक़ा होना चाहिए। इंसान रोज खुद को बनाता है, कभी सफल होता है, तो कभी असफल, मायने सफलता-विफलता का औसत रखता है। कुछ नया सीखते-करते रहेंगे तो तरक़्क़ी और ख़ुशहाली के रास्ते खुद-ब-खुद खुलते जाएंगे।

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महात्‍मा बुद्ध कहा करते थे, ‘मैं कभी नहीं देखता हूं कि क्या किया जा चुका है। मैं हमेशा देखता हूं कि क्या किया जाना बाकी है।’ वास्तविकता है कि हर दिन सुनहरा और उज्ज्वल नहीं होता। बावजूद इसके यदि इंसान बनाना चाहे, तो जीवन सुंदर और खुशनुमा बन सकता है। यह हर इंसान के अपने हाथ में है। किसी ने कभी नहीं कहा कि जीवन आसान है, लेकिन इंसान मेहनत से इसे जरा आसान बना सकता हैं। ज़िंदगी में यदा-कदा हरेक को बहुत बुरे दिनों का सामना करना ही पड़ता है। जीवन तभी खूबसूरत होगा, जब आप इसे मेहनत से बनाएंगे, संवारेंगे।

स्टीफन हॉकिंग कहते हैं, ‘जिंदगी बेहद कठिन और संघर्षमय हो सकती है। लेकिन हमेशा कोई काम ऐसा ज़रूर होता है, जिसे हाथ में लेकर आप कामयाबी की मंज़िल हासिल कर सकते हैं।’ इसे ऐसे समझ सकते हैं कि उस व्यक्ति का कभी सुधार नहीं हो सकता, जिसे अपनी कमियां नज़र नहीं आती। चूंकि इंसानी स्वभाव है कमियां और गलतियां, अत: हर कामयाब शख्स अपनी कमियों के बावजूद मेहनत के बल पर बुलंदी छूता है। कुछ बड़ा करना है, तो कम्फर्ट जोन यानी आराम के दायरे को छोड़ना होगा। केवल और केवल मेहनत कुदरती महारत से भी आगे निकलने का दम रखती है। कुदरती प्रतिभा एक स्तर पर तो पहुंचा सकती है, लेकिन आगे का सफर कड़ी मेहनत से ही तय होता है। यानी मेहनत निरंतर चलती रहती है, पहले कुछ हासिल करने के लिए, फिर मिले को कायम रखने के लिए। मेहनत से नया करते रहने से तो सब कुछ हासिल किया जा सकता है। सद‍्गुरु जग्गी वासुदेव के शब्दों में कहें तो, ‘आपकी क्षमताएं चाहे जो भी हों, आपको अपनी क्षमताओं को पूरी सीमा तक और उससे थोड़ा और आगे तक प्रयोग में लाना चाहिए।’

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दुनिया की ढाई सौ सफल शख़्सियतों पर एक शोध से तथ्य उभर कर सामने आया कि इनमें से 88 प्रतिशत हर दिन कम से कम एक-आध घंटा नया सीखने की मेहनत में लगाते हैं। और 60 फीसदी तो साल में एक दफा तकनीकी, व्यापार, दर्शन या अध्यात्म का कोर्स तक करते हैं। इससे जाहिर होता है कि सफल शख्स हर वक्त खुद को अपग्रेड करने में जुटे रखते हैं। अंग्रेज़ी कहानीकार रस्किन बॉन्ड तो दो टूक लिखते हैं, ‘यह साहस है, मेहनत है, भाग्य नहीं, जो हमें अपनी मंज़िल तक ले जाता है।’

बोधकथा है कि एक कौवा दिन भर पेड़ पर निठल्ला बैठा था। एक खरगोश ने देखा, तो पूछा, ‘क्या मैं भी तुम्हारी तरह खाली बैठा रह सकता हूं?’ कौवे ने कहा, ‘जरूर, क्यों नहीं।’ सुन कर खरगोश वहीं मिट्टी में सुस्ताने लगा। अचानक एक भूखी लोमड़ी आई और खरगोश को खा गई। जाहिर होता है कि चुस्त खरगोश ने कौवे की नकल करते हुए मेहनत छोड़ कर अपनी जान गंवा ली। जंगल में हिरण को जागते ही जी-जान से भागना पड़ता है, वरना शेर खा जाएगा। उधर शेर जागता है, तो सोचता है कि नहीं भागा, तो भूखा मर जाऊंगा। शेर हो या हिरण भागना तो दोनों को पड़ता है। शेर जंगल का राजा है, कायदे से उसे आराम फरमाना चाहिए। लेकिन राजा और प्रजा दोनों को जीवित रहने के लिए भागदौड़ तो करनी पड़ती है। तय है कि भाग्य मेहनत करने वालों का ही साथ निभाता है।

मन में विचार नहीं लाना चाहिए कि आप अकेले हैं। बल्कि यूं सोचिए कि आप अकेले ही काफी हैं। और फिर, हर किसी में इतनी ताक़त होनी चाहिए कि अपने दुख और मुश्किलात से अकेले जूझ सके। फ़ारसी और सूफ़ी कवि रूमी का मानना है, ‘खूबसूरत दिन खुद आपके पास नहीं आते। आपको उन तक पहुंचना चाहिए।’ उधर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तो इस हद तक कहते हैं, ‘मनुष्य के लिए मेहनत बहुत ज़रूरी है क्योंकि उनके बिना सफलता का आनंद नहीं लिया जा सकता।’ सयाने बताते हैं कि अपने काम को निरंतर बेहतर करते रहें, जितना पहले करते थे, उससे ज़्यादा करते रहें। काम की क्वालिटी बढ़ाने के साथ- साथ ज़्यादा काम करने का मौका मिले, तो हर्ष से स्वीकार करें। हर क्षेत्र में कार्यरत एक ज़िम्मेदार मेहनती इंसान बाकियों से श्रेष्ठ हो जाता है, ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। और फिर, किसी के जीवन में सिर्फ़ अच्छे दिन नहीं ही आते। अपनी मेहनत से बुरे दिनों को भी अच्छे में बदल सकते हैं।

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