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पंजाब की वित्तीय स्थिति भारी दबाव में

07:03 AM Sep 05, 2024 IST
पंजाब की वित्तीय स्थिति भारी दबाव में

रुचिका खन्ना/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 4 सितंबर
पंजाब की वित्त प्राप्तियों और व्यय के बीच निरंतर अंसतुलन राज्य में बढ़ते राजकोषीय तनाव का संकेत देता है। पंजाब के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने 2022-23 में आम आदमी पार्टी के शासन के पहले वर्ष पर अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।
बुधवार को पंजाब विधानसभा में पेश की गयी रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि राज्य सरकार द्वारा जुटाए जा रहे धन का उपयोग पुराने कर्ज को चुकाने के लिए कैसे किया जा रहा है। राजस्व घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 1.99 प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक (3.87 प्रतिशत) हो गया है। सार्वजनिक ऋण जीएसडीपी का 44.12 प्रतिशत है। ये सभी संकेतक दर्शाते हैं कि राज्य की वित्तीय स्थिति भारी दबाव में है।
यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब राज्य सरकार अपनी देनदारियों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रही है। राज्य की खराब वित्तीय स्थिति के कारण, कर्मचारियों का अगस्त महीने का वेतन बुधवार को जारी किया गया।
चिंताजनक यह है कि रिपोर्ट में कहा गया है कि निकट भविष्य में ऋण स्थिरीकरण संभव नहीं हो सकेगा। इसने सब्सिडी की बढ़ती प्रवृत्ति की ओर इशारा किया है, जिसमें बिजली सब्सिडी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वित्त वर्ष 2018-19 में सब्सिडी 13361 करोड़ रुपये थी, जो 2022-23 में बढ़कर 20607 करोड़ रुपये हो गई है। उल्लेखनीय है कि आप सरकार ने सत्ता में आने के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा दी। राज्य में 80 प्रतिशत से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को अब मुफ्त बिजली मिलती है।
पंजाब की राजस्व प्राप्तियां 10.76 प्रतिशत की वार्षिक औसत वृद्धि दर से बढ़ी हैं, जबकि राज्य का व्यय 13 प्रतिशत की गति से बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘2018-19 से 2022-23 तक राजस्व प्राप्तियां 62,269 करोड़ रुपये से बढ़कर 87,616 करोड़ रुपये हो गई हैं। इसी अवधि में, राजस्व व्यय 75,404 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,13,616 करोड़ रुपये हो गया है। राजस्व घाटा 2018-19 में 13,135 करोड़ रुपये था, वह बढ़कर 2022-23 में 26,045 करोड़ रुपये हो गया।

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किसान यूनियनों के साथ सीएम की बैठक आज

सीएम भगवंत मान ने भाकियू (एकता उगराहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के नेताओं को बृहस्पतिवार को बैठक के लिए बुलाया है। कृषि नीति के मसौदे को लागू करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर यूनियनें रविवार से चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में धरना दे रही हैं।

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