रुचिका एम खन्ना/ट्रिन्यूचंडीगढ़, 30 जूनपंजाब सरकार मंगलवार से शुरू हो रहे चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8500 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी। इसे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंजूरी दे दी है। ट्रिब्यून के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार नकदी की कमी से जूझ रही राज्य सरकार को जुलाई में 2000 करोड़ रुपये जुटाने हैं, जबकि अगस्त में राज्य द्वारा 3000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज जुटाया जाएगा। सितंबर में राज्य सरकार 3500 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी। इन ऋणों के साथ इस वित्तीय वर्ष के दौरान पंजाब सरकार द्वारा जुटाया गया कुल ऋण 14741.92 करोड़ रुपये होगा।इस वर्ष पंजाब ने 34201.11 करोड़ रुपये के ऋण जुटाने का लक्ष्य रखा है। मार्च, 2026 के अंत तक राज्य का कुल ऋण 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि राज्य की आबादी तीन करोड़ के हिसाब से प्रत्येक पंजाबी पर 1.33 लाख रुपये का ऋण है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने द ट्रिब्यून से संपर्क करने पर कहा कि राज्य का कुल ऋण बढ़ रहा है। मार्च 2024 तक राज्य का कुल बकाया ऋण 3.82 लाख करोड़ रुपये था, जो राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 44 प्रतिशत से अधिक है। इस वर्ष की शुरुआत में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा संसद में पेश की गई देश के कर्जग्रस्त राज्यों पर एक रिपोर्ट में चिंता व्यक्त की गई थी कि पंजाब का कर्ज जीएसडीपी अनुपात देश में दूसरे स्थान पर है।'रोडमैप बनाने की जरूरत'प्रख्यात अर्थशास्त्री आरएस घुमन ने ट्रिब्यून को बताया कि हालांकि राज्य द्वारा लिया जा रहा उधार आरबीआई द्वारा निर्धारित स्वीकार्य सीमा के भीतर है, लेकिन भारी और अस्थिर कर्ज को देखते हुए राज्य को रोडमैप तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार को मध्यम और दीर्घ अवधि में कर्ज का बोझ कम करने के बारे में सोचना चाहिए। तभी पंजाब के पास पूंजीगत संपत्ति निर्माण पर खर्च करने के लिए पैसा होगा।'कब और कितना उधार08 जुलाई 500 करोड़ रुपये15 जुलाई 500 करोड़ रुपये22 जुलाई 500 करोड़ रुपये29 जुलाई 500 करोड़ रुपये05 अगस्त 1500 करोड़ रुपये12 अगस्त 1000 करोड़ रुपये19 अगस्त 500 करोड़ रुपये02 सितंबर 1500 करोड़ रुपये09 सितंबर 500 करोड़ रुपये23 सितंबर 500 करोड़ रुपये30 सितंबर 1000 करोड़ रुपये