हरियाणा को चार हजार क्यूसिक से अतिरिक्त पानी नहीं देगा पंजाब
चंडीगढ़, 5 मई (ट्रिन्यू)
पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से साफ इनकार कर दिया है। बेशक, मानवता के आधार पर चार हजार क्यूसिक पानी की आपूर्ति जारी रहेगी, लेकिन अतिरिक्त साढ़े चार हजार क्यूसिक पानी हरियाणा को नहीं मिलेगा। मान सरकार के इस फैसले पर पंजाब के सभी राजनीतिक दल सहमत हैं। सोमवार को पंजाब विधानसभा में एक दिन के विशेष सत्र में इस संदर्भ में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया।
यह विशेष सत्र बीबीएमबी के पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब व हरियाणा के बीच चल रहे विवाद के बीच बुलाया गया था। सत्र के दौरान आप विधायक अमृतपाल सिंह सुखानंद ने बीबीएमी के हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के आदेशों की प्रति फाड़ दी। पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के 2021 में बनाए डैम सेफ्टी एक्ट को भी मानने से इनकार कर दिया।
दिनभर चली विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सभी दलों ने कहा कि डैम पंजाब की सीमा में बना है, इसलिए डैम की सुरक्षा को लेकर किसी तरह के भी नियम का पालन करना या नियम बनाना पंजाब सरकार के अधीन होना चाहिए। पंजाब का हरियाणा के साथ पिछले कई दिनों से पानी को लेकर विवाद चल रहा है। पंजाब इस समय हरियाणा को 4000 क्यूसिक पानी दे रहा है। हरियाणा 8500 क्यूसिक पानी की मांग कर रहा है।
सदन में जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने बीबीएमबी द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के आदेशों को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया। साथ ही, डैम सेफ्टी एक्ट-2021 को रद्द करने का प्रस्ताव भी पेश किया। इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह सीमा ने कहा कि केंद्र में चाहे किसी भी राजनीतिक दल की सरकार रही हो, लेकिन पंजाब के ऊपर पानी को लेकर हमेशा से हमला होता रहा है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि सरकार गंभीरता के साथ पंजाब के जल विवाद की लड़ाई लड़े तो कांग्रेस पूरी तरह से सरकार का समर्थन करेगी। विधानसभा में करीब 5 घंटे तक इस मुद्दे पर चर्चा हुई।
सत्र के अंत में मुख्यमंत्री भगवत मान ने कहा कि अभी मानवता के आधार पर हरियाणा को पानी दिया जा रहा है, अगर जबरदस्ती की गई तो इस पानी को भी बंद कर दिया जाएगा। नियम अनुसार हरियाणा अपने हिस्से के पानी का इस्तेमाल कर चुका है। भगवंत मान ने हरियाणा के सीएम नायब सैनी के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि पंजाब के रास्ते से पाकिस्तान को एक बूंद भी पानी नहीं जा रहा है। इस समय सारे पानी की खपत पंजाब में हो रही है।
पास हुए ये प्रस्ताव
- पंजाब अपने हिस्से का एक बूंद पानी भी हरियाणा को नहीं देगा। मानवता के आधार पर 4000 क्यूसिक पानी आपूर्ति जारी रहेगी।
- बीबीएमबी का पुनर्गठन कर पंजाब को उसमें प्रतिनिधित्व दिया जाए।
- सतलुज, ब्यास और रावी नदियां केवल पंजाब से बहती हैं। इन नदियों से पानी के बंटवारे के लिए नयी संधि बनाई जाए।
- भाखड़ा डैम से किस राज्य को कितना पानी दिया जाना है, इसके बारे में 1981 की जलसंधी में स्पष्ट लिखा है। बीबीएमबी को इसे बदलने का कोई अधिकार नहीं है। बीबीएमबी कोई फैसला लेता है तो वह असंवैधानिक होगा।
- डैम सेफ्टी एक्ट-2021 के प्रस्ताव को केंद्र सरकार वापस ले। डैम पंजाब सीमा में है। इसलिए पंजाब सेफ्टी एक्ट बनाएगा।
- सदन बीबीएमबी को निर्देश देता है कि बैठक बुलाने के नियमों का पालन हो।