Punjab Politics : 'पंजाब में 50 बम' बयान पर बवाल... प्रताप सिंह बाजवा पर केस दर्ज, CM मान बोले- आतंक फैलाने की साजिश या झूठ?
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 13 अप्रैल
Punjab Politics : पंजाब पुलिस ने रविवार रात नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। आरोप है कि उन्होंने “देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने वाली झूठी और भ्रामक जानकारी” सार्वजनिक की। दरअसल एक निजी टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में बाजवा ने दावा किया था कि मुझे जानकारी मिली है कि 50 बम पंजाब पहुंच चुके हैं। इनमें से 18 फट चुके हैं, जबकि 32 अब भी बाकी हैं। यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल के महीनों में पंजाब में कई ग्रेनेड हमले हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का पलटवार
बाजवा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इस जानकारी का स्रोत क्या है? अगर बाजवा के पास ऐसी सूचना थी, तो क्या उनका पाकिस्तान से कोई संपर्क है, जो आतंकी उन्हें सीधे कॉल करके बमों की संख्या बता रहे हैं? मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि न तो राज्य इंटेलिजेंस के पास ऐसी कोई जानकारी है, न ही केंद्र सरकार से इस तरह की सूचना प्राप्त हुई है। अगर विपक्ष के नेता को ऐसी जानकारी थी, तो यह उनकी जिम्मेदारी थी कि वे तुरंत पंजाब पुलिस को सूचित करते।
मुख्यमंत्री ने आगे सवाल किया, “क्या वे बम फटने और लोगों की मौत का इंतजार कर रहे थे, ताकि उनकी राजनीति चमक सके? और अगर यह जानकारी झूठी है, तो क्या वे प्रदेश में डर और आतंक फैलाना चाहते हैं? बाजवा को स्पष्ट करना चाहिए कि यह जानकारी उन्हें कहां से और किन स्रोतों से मिली। अगर उनके पास कोई पुख्ता स्रोत नहीं हैं, तो यह साफ है कि वे जानबूझकर भय का वातावरण बना रहे हैं। ऐसे में उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर उनका उद्देश्य डर फैलाना है, तो कांग्रेस पार्टी को उन्हें निष्कासित करना चाहिए, क्योंकि वे राष्ट्रविरोधी ताकतों के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं।”
बाजवा का पलटवार: ‘यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई’
जब पंजाब इंटेलिजेंस की टीम उनका बयान दर्ज करने के लिए सेक्टर-8 स्थित उनके आवास पहुंची, तो बाजवा ने कहा कि वे पुलिस के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं, लेकिन अपने सूचना स्रोतों का खुलासा नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर मेरे खिलाफ केस दर्ज किया जाता है, तो यह सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक प्रतिशोध होगा।
सीएम जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं, कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे हैं। मैं सांसद और कई बार विधायक रह चुका हूं। मेरे पास राज्य और केंद्रीय एजेंसियों से जुड़े अपने विश्वसनीय स्रोत हैं, जिन्होंने मुझे आगाह किया है कि मुझे भी निशाना बनाया जा सकता है।