Punjab News : संत राम उदासी की कविता सुना कर श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
लुधियाना, 1 दिसंबर (निस)
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार युवाओं को पंजाब के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदार बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने लुधियाना के कृषि विश्वविद्यालय में अंतर-क्षेत्रीय युवा मेले के दौरान युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं में हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने की क्षमता है और उनकी प्रतिभा का सही उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी और युवा विमान की तरह हैं और राज्य सरकार उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए लॉन्चपैड प्रदान करेगी। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट किया कि जब तक पंजाब के विद्यार्थी अपने निर्धारित लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते, वे चैन से नहीं बैठेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के विचारों को पंख देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं और इस नेक कार्य के लिए कोई कमी बाकी नहीं छोड़ी जाएंगी। भगवंत सिंह मान ने युवाओं से आग्रह किया कि वे समाज में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए निरंतर प्रयास करें।
‘व्यक्तित्व निखारने का काम करते हैं युवा मेले’ : मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए यहां आना गर्व का विषय है क्योंकि वे ऐसे युवा मेले की पैदाइश है। अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि युवा मेले एक व्यक्ति की संपूर्ण व्यक्तित्व को निखारने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि इन मेले ने न केवल उन्हें एक कलाकार के रूप में बल्कि एक राजनेता के रूप में भी सफल होने में मदद की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को समग्र विकास के लिए इन मंचों का उपयोग करना चाहिए।
भगवंत सिंह मान ने युवाओं को सफलता के बाद भी डटे रहने और कड़ी मेहनत जारी रखने की नसीहत दी, क्योंकि यही सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि ये युवक मेले अच्छे इंसान बनने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।
पंजाब को विश्व स्तर पर अग्रणी राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने युवाओं से सक्रिय भूमिका निभाने और राज्य सरकार का समर्थन करने की अपील की।
‘मगदा रही वे सूरजा कमियां दे विहड़े’
इस अवसर पर छात्रों की मांग पर मुख्यमंत्री ने अपने कॉलेज के साथी और कलाकार करमजीत अनमोल के साथ मंच से प्रसिद्ध पंजाबी कवि संत राम उदासी की कविता ‘मगदा रही वे सूरजा कमियां दे विहड़े’ सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि यह क्रांतिकारी कविता उनके दिल के बहुत करीब है, क्योंकि वे कॉलेज के दिनों में विभिन्न प्रतियोगिताओं में इसे सुनाते थे। अपने पहले के दिनों को याद करते हुए, मुख्यमंत्री ने मंच से दो मिनट तक कविता सुनाई और श्रोताओं को बांधे रखा। इस दौरान उपस्थित छात्रों, शिक्षकों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री की इस दुर्लभ प्रस्तुति की प्रशंसा की।