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Punjab News : प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने सीएम आवास के सामने सड़क पर गुजारी रात

08:18 AM Dec 16, 2024 IST
संगरूर में मुख्यमंत्री आवास के सामने रात को सड़क पर सो रहे प्रदर्शनकारी। -निस

संगरूर, 15 दिसंबर (निस)
संगरूर में मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के सामने धरने के दौरान कंप्यूटर शिक्षकों ने सड़क पर खुले आसमान के नीचे रात गुजारी। संगठन के नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार के निर्देश पर संगरूर प्रशासन ने शिक्षकों को टेंट लगाने की भी अनुमति नहीं दी। कंप्यूटर शिक्षक, उनके बच्चे, परिवार और महिला शिक्षक रात भर खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। शिक्षकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों के समाधान का ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक वे यहीं डटे रहेंगे। कंप्यूटर शिक्षक संघर्ष समिति के बैनर तले पंजाब भर के कंप्यूटर शिक्षकों ने पंजाब सरकार की कथित वादाखिलाफी के खिलाफ यहां मुख्यमंत्री आवास के सामने रैली की। पिछले 105 दिन से डीसी कार्यालय के समक्ष चल रही राज्य स्तरीय क्रमिक भूख हड़ताल के दौरान सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं होने से खफा कंप्यूटर शिक्षकों ने संघर्ष को आर-पार की लड़ाई में तब्दील करने का ऐलान कर दिया है। इसके तहत 22 दिसंबर से आमरण अनशन शुरू किया जाएगा।
कंप्यूटर शिक्षक मुख्यमंत्री आवास कॉलोनी के गेट के पास पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें रोक दिया। कंप्यूटर शिक्षकों ने सड़क पर ही रैली की। रैली को संबोधित करते हुए संघर्ष कमेटी के राज्य नेता परमवीर सिंह पम्मी, जॉनी सिंगला, प्रदीप कुमार मलूका, राजवंत कौर, रणजीत सिंह और जसविंदर सिंह लुधियाना ने कहा कि 5 नवंबर को वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कुछ ही दिनों में उनकी मांगें पूरा करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन डेढ़ माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने मांग की कि छठे वेतन आयोग के लाभ सहित नियमित आदेशों में सूचीबद्ध सभी लाभों को बिना किसी शर्त या देरी के शिक्षा विभाग में विलय किया जाना चाहिए। रैली के दौरान कंप्यूटर शिक्षकों ने ऐलान किया कि इस बार वे बैठक का पत्र लेकर नहीं, बल्कि महंगाई भत्ता बहाल करने का पत्र लेकर लौटेंगे। समाचार लिखे जाने तक कंप्यूटर शिक्षक मुख्यमंत्री आवास के पास सड़क पर डटे थे, जिसमें महिला कंप्यूटर शिक्षक भी बच्चों के साथ
मौजूद थीं।

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सुनाम में शिक्षा विरोधी फैसलों के खिलाफ प्रदर्शन

पंजाब सरकार और शिक्षा विभाग की कथित शिक्षक और शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब ने आज सुनाम में प्रदेश अध्यक्ष विक्रमदेव सिंह के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया और आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा के आवास की ओर विरोध मार्च निकाला। इस अवसर पर डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के महासचिव महेंद्र कौदसवाली, प्रदेश उपाध्यक्ष जगपाल बंगी, राजीव बरनाला, गुरप्यार कोटली, बेअंत फुलेवाला और रघवीर सिंह भवानीगढ़ ने संबोधित करते हुए कहा कि पीटीआई शिक्षकों और आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षकों के वेतन में संशोधन के संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा एक अस्पष्ट पत्र जारी किया गया है जिसमें इन अध्यापकों को सी एंड वी कैडर का नहीं माना गया है तथा 4400 ग्रेड पे के स्थान पर 3200 रुपये ग्रेड पे देकर रिकवरी करने का आदेश दिया गया है, जिससे शिक्षकों में काफी बेचैनी है। डीटीएफ नेता मलकीत हराज, प्रताप सिंह ठाठतगढ़, जोसिल तिवारी, हरविंदर रखड़ा, सुखविंदर गिर, अमोलक डेलुआना, गुरविंदर सिंह फाजिल्का, हरविंदर अल्लुवाल और डेमोक्रेटिक एंप्लाईज फेडरेशन पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष जर्मनजीत सिंह और महासचिव हरदीप टोडरपुर ने पंजाब सरकार से मांग की कि नई शिक्षा नीति-2020, पंजाब राज्य को अपनी सांस्कृतिक और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार अपनी शिक्षा नीति बनानी चाहिए, सभी स्कूलों को एक निश्चित वार्षिक कैलेंडर के तहत शिक्षा प्रदान करने में समान प्राथमिकता दी जानी चाहिए, पंजाब में हजारों रिक्त पदों पर भर्ती की जाए और पदोन्नति के समय चयन के लिए सभी रिक्त स्टेशनों को दिखाया जाए, पीटीआई व आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापकों की ग्रेड पे कम करने संबंधी जारी अध्यापक विरोधी पत्र वापस लिया जाए। इस मौके पर रविंदर कौर बरनाला, संदीप सिंह पीटीआई, निर्मल चुहांके ने भी संबोधित किया।

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