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प्राथमिक शिक्षक के निलंबन के विरोध में आमजन लामबंद

08:38 AM Jul 22, 2024 IST
इन्द्री के गांव खेड़ा में रविवार को आयोजित पंचायत में शिक्षक के निलंबन का विरोध करते ग्रामीण। -निस

गुंजन कैहरबा/निस
इन्द्री, 21 जुलाई
उपमंडल के गांव नन्हेड़ा स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक पाठशाला में प्राथमिक शिक्षक महेंद्र कुमार के निलंबन के विरोध का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। प्राथमिक शिक्षक के समर्थन में आमजन भी लामबंद हो रहे हैं।
गांव खेड़ा में ग्रामीणों ने पंचायत कर शिक्षा विभाग के निलंबन के आदेश को राजनीति से प्रेरित बताकर बड़ा आंदोलन छेड़ने का ऐलान कर दिया। ग्रामीणों ने इस मौके पर जोरदार नारेबाजी की और चेतावनी दी कि यदि शिक्षक के निलंबन का आदेश वापस नहीं लिया गया तो विधानसभा चुनाव में खेड़ा ही नहीं अनेक गांवों में भाजपा को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। ग्रामीणों ने महेंद्र कुमार को निर्दोष बताकर उनका निलंबन रद्द करने और उन्हें नन्हेड़ा स्कूल में बहाल करने की मांग की।
गांव खेड़ा नन्हेड़ा गांव के नजदीक का गांव है। रविवार को गांव खेड़ा में 36 बिरादरी के लोगों ने पंचायत की। ग्रामीणों ने पंचायत में शिक्षक महेंद्र कुमार को भी बुलाया। इस अवसर पर उन्होंने पंचायत में अपना पक्ष रखा। इस मौके पर सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के नेता पृथ्वीराज रैगोर, पंचायत सदस्य रमा देवी, मंदीप कुमार, संजय कुमार, पूर्व सरपंच रामस्नेही, मनोज कुमार, बिट्टू, विनोद कुमार, राजेंद्र कुमार, कमल कुमार, राजकुमार, संजू, प्रेम, कमलकांत, रण सिंह राठी और विकास ने कहा कि कुछ लोगों ने शिक्षक महेंद्र के खिलाफ षडयंत्र रचकर उन्हें निलंबित कराया है, जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। महेंद्र कुमार बेहद ईमानदार एवं कर्मठ व्यक्ति हैं तथा अपनी निष्ठा व लगन से जिस भी स्कूल में जाते हंै वहां के स्कूल का न केवल सौंदर्यकरण कर नक्शा बदल देते हैं, बल्कि स्कूल में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी कर परीक्षा परिणाम बेहतरीन कराने में मददगार बन जाते हैं। लोगों ने मांग की कि शिक्षक के कार्यों को देखते हुए उसे सम्मानित कर पदोन्नत करें।

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शिक्षक ने रखा अपना पक्ष

शिक्षक महेंद्र ने पंचायत को बताया कि उन्हें राजनीतिक दबाव में निलंबित किया गया। उसका कसूर सिर्फ इतना ही है कि उन्होंने गांव नन्हेड़ा में गरीब विधवा महिला एवं उनके स्कूल में कार्यरत मिड-डे-मील वर्कर की बेटी को अगवा करने की नीयत से आए कुछ लोगों का विरोध किया और महिला का साथ दिया। इस बात से खफा कुछ लोगों ने झूठे एवं मनगढ़ंत आरोप लगाकर उसे निलंबित कराया है। उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए शिकायत भी दी गई थी, जिसकी जांच में अधिकारियों ने दबाव में झुकने से इंकार कर उन्हें निर्दोष बताया।
बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई न बनने की बात कही थी। इसके बावजूद राजनीतिक दबाव डलवाकर उसे बेबुनियादी आरोप लगाकर निलंबित करा दिया है। शिक्षक ने कहा कि वह झूठे आरोपों से दबने और झुकने वाले नहीं हैं।

शिक्षकों की यूनियन बना रही आंदोलन की रणनीति

महेंद्र कुमार को निलंबित किये जाने के विरोध में शिक्षकों में भी भारी गुस्सा है। शिक्षकों की यूनियन भी इस मामले को लेकर आंदोलन छेड़ने की रणनीति बना रही है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष जगतार सिंह व जिला प्रधान रमेश चोचड़ा ने कहा कि सरकार की दमनकारी नीतियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने निलंबन का आदेश देने वाले डीईईओ की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि करनाल में कार्यभार ग्रहण करते ही अधिकारी ने निलंबन का आदेश दिया है। उनका निलंबन एक षडयंत्र है।

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