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रसायन मुक्त भोजन उपलब्ध करवाना प्राथमिकता : काम्बोज

08:22 AM Apr 03, 2024 IST
रसायन मुक्त भोजन उपलब्ध करवाना प्राथमिकता   काम्बोज
हिसार में मंगलवार को वैज्ञानिक-किसान विचार विमर्श संगोष्ठी को संबोधित करते कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज। -हप्र
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हिसार, 2 अप्रैल (हप्र)
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक-किसान विचार विमर्श संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने संगोष्ठी की अध्यक्षता की। इसमें प्रबंधन मंडल के भूतपूर्व सदस्य सी.पी. आहुजा, शरद बतरा व शिवांग बतरा भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती कर रहे विभिन्न जिलों के प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने आधुनिक युग में प्राकृतिक खेती के विस्तार से लेकर उसकी महत्ता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि भावी पीढ़ियों को रसायन मुक्त व पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाना वैज्ञानिकों व किसानों की मुख्य प्राथमिकता है। इसके लिए उन्होंने कहा कि किसान शुरुआत में कम जगह पर प्राकृतिक खेती को अपनाएं और धीरे-धीरे उसका क्षेत्रफल बढ़ाते जाएं। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया वे आधुनिक युग में आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जब भी शोध करें तो विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों, पानी की उपलब्धता तथा गुणवत्ता, श्रमिकों की उपलब्धता, वर्षा, जमीन का आर्गेनिक कार्बन, खरपतवार, पूरे साल का फसल चक्र, कीट तथा बीमारियों के प्रबंधन संबंधित बातों पर मंथन जरूर करें।
इस अवसर पर अतिरिक्त अनुसंधान निदेशक डॉ. राजेश कुमार गेरा, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य सहित सहायक निदेशक डॉ. सुरेंद्र यादव भी उपस्थित रहे।

व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर करें समस्याएं व समाधान

काम्बोज ने कहा कि वैज्ञानिक-किसान विचार विमर्श संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों की समस्याओं को जानकर उनका हल करना व शोध कार्यों को उनके अनुरूप बनाना है। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के उत्पादों को बेहतर मूल्य दिलवाने के लिए उपभोक्ताओं से सामंजस्य व सीधे तौर पर जुड़कर आपस में विश्वास पैदा करना जरूरी है। उन्होंने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से पाठ्यक्रम बनाना, अधिक से अधिक प्रशिक्षणों का आयोजन व कृषक समुदाय द्वारा तैयार किए गए कृषि मॉडल की प्रदर्शनी भी लगाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसान व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं जिसमें वे अपनी समस्याएं व समाधान शेयर करें ताकि उसका तुरन्त एक दूसरे को लाभ पंहुच सके, साथ ही आपस में तकनीकों का भी आदान-प्रदान हो।

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