सिटी इलेक्ट्रिक बसों के खिलाफ प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन
हिसार, 25 जनवरी (हप्र)
शहर में निजी कंपनी की पांच सिटी इलेक्ट्रिक बसें चलाने के फैसले के खिलाफ रोडवेज कर्मचारी यूनियन मुखर हो गई है। यूनियनों से शनिवार को इनके खिलाफ डिपो में सुबह 10 से 12 बजे तक प्रदर्शन किया और जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने विभाग के बेड़े में आम बसों की संख्या बढ़ाने, जनता को सुविधाएं देने व बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग की गई। प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने रोडवेज अधिकारियों को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया।
डिपो प्रांगण में प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जनता के पैसे से खड़ा किए गए परिवहन विभाग का निजीकरण करके सरकार इसे साहूकारों को सौंपना चाहती है। इलेक्ट्रिक बसें 62 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से चलाने का सरकार ने निर्णय लिया है। एक इलेक्ट्रॉनिक बस के बदले आम 6 बसें आ सकती हैं। पूरे प्रदेश में सभी डिपो में 50-50 बसें लाने का जो निर्णय है, अगर उसकी जगह पर साधारण 300-300 बसें डिपो के बेड़े में शामिल हो तो प्रदेश में 7200 से अधिक बसें उपलब्ध हो सकती हैं मगर सरकार ऐसा नहीं कर रही। एक बस पर 6 बेरोजगारों को रोजगार मिलता है। अगर इलेक्ट्रिक बसें ही सरकार चलाना चाहती है तो सरकार खुद अपनी बसें खरीदें और रोडवेज के बेड़े में शामिल करें। 62 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से बसें चलाने के निर्णय से जनता पर महंगा किराया के साथ विभाग को घाटा भुगतना पड़ेगा। इस स्कीम से बस में छात्र-छात्राओं व रोडवेज के स्टाफ को भी बैठने की अनुमति नहीं होगी। जिस निजी बस में छात्र-छात्राओं व हरियाणा रोडवेज द्वारा दी जा रही 47 कैटिगिरी को सब्सिडी नहीं मिलेगी तो यह बसें आम जनता के किस काम की।