रक्षक और रक्षा
रूस में एक प्रेस मीटिंग में एक पत्रकार ने राष्ट्रपति पुतिन से सवाल किया, ‘आप पहले डॉक्टरों और शिक्षकों को वैक्सीन क्यों देना चाहते हैं? शेष तीस करोड़ आम लोगों के बारे में क्या? क्या देश को उनकी और प्रशासकों की आवश्यकता नहीं है?’ पुतिन का जवाब था, ‘उनकी रक्षा करके मैं आम लोगों की रक्षा करना चाहता हूं। अगर एक डॉक्टर की मृत्यु हो जाती है, तो दूसरे डॉक्टर को बनाने के लिए हमें तीस साल की जरूरत होती है और जनता के करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं, यह लोगों का पैसा है। यदि डॉक्टर की मृत्यु हो जाती है, तो उन तीस वर्षों के दौरान उनकी अनुपलब्ध सेवाओं के अभाव में कई आम लोगों की मृत्यु हो सकती है। इसी तरह शिक्षक तैयार करने के लिए भी समय और जनता का पैसा बर्बाद होगा। अगर एक शिक्षक मर जाएगा तो डॉक्टर कौन तैयार करेगा? वे दोनों राष्ट्र के लिए अतुलनीय संपत्ति हैं। इसलिए वे मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं। आप, मैं और आम लोग तभी सुरक्षित हैं जब वे मौजूद हैं।’
प्रस्तुति : निशा सहगल