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महिला डॉक्टरों को सुरक्षा कवच

08:03 AM Sep 02, 2024 IST
महिला डॉक्टरों को सुरक्षा कवच
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सुरक्षा की चूक

कोलकाता मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दुराचार के बाद हुई हत्या ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान छोड़े हैं। इस मामले की सीबीआई जांच करते हुए दोषी को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए। आरोप लगे कि इस हत्याकांड के पीछे अस्पताल में मानव अंगों की तस्करी का गोरख धंधा छिपा था, और मृतका को इसके बारे में जानकारी थी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने की सिफारिश की है। टास्क फोर्स को अमलीजामा पहनाना चाहिए। सीसीटीवी कैमरा सुविधाएं, कर्तव्यनिष्ठ और जागरूक सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति की जानी चाहिए।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल

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महिला सुरक्षा कर्मी हों

यह शर्मनाक और निंदनीय है कि महिला डॉक्टर अभी भी सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह अपराधियों को कानून का डर न होना है, और हैवानियत पर होने वाली राजनीति भी जिम्मेदार मानी जा सकती है। राजनीति के कारण कानून के काम में बाधा उत्पन्न होती है, जिससे हैवानों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। महिला डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सरकार को निजी और सरकारी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य करने चाहिए। और जहां महिला स्वास्थ्य कर्मी हों, वहां पर महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर

सख्त सज़ा हो

महिला डॉक्टरों की रात्रिकालीन ड्यूटी अस्पतालों में होती है, और उनकी सुरक्षा का जिम्मा अस्पताल प्रबंधन का है। वैसे उन्हें हर परिस्थिति में काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, लेकिन रात की शिफ्ट में सुरक्षा की कमी भय उत्पन्न कर सकती है। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा सकते हैं, दिन की शिफ्ट में महिला डॉक्टरों की नियुक्ति की जा सकती है, और मेल नर्स को रात्रिकालीन ड्यूटी पर तैनात किया जा सकता है। सख्त सजा का डर भी अपराधों को रोकने में सहायक हो सकता है।
भगवानदास छारिया, इंदौर

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नागरिक जिम्मेदारी

कोलकाता के एक मेडिकल कालेज के अस्पताल में जूनियर डाक्टर की दुराचार के बाद की गई हत्या की घटना ने पूरे देश को शर्मसार किया है। यह घटना दर्शाती है कि आज मानव ने सभी जीवन मूल्यों को ताक पर रख दिया है। जहां देर रात तक मरीजों की सेवा में व्यस्त महिला डाक्टरों व अन्य चिकित्सा कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करना सरकार का कर्तव्य बनता है, वहीं देश के सभी नागरिकों का भी दायित्व बनता है कि वे ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों व अन्य लोगों के साथ सहयोग करें। ऐसे मामलों के दोषियों को यथाशीघ्र सख्त सजा दी जाए।
सतीश शर्मा, माजरा, कैथल

सतर्कता ही सुरक्षा

रात के समय एमरजेंसी और अस्पतालों में आने वालों की संख्या कम या नगण्य होती है। इसलिए, अंदर और बाहर पुलिस तैनात करना आवश्यक है। अस्पताल के दरवाजे रात के समय बंद होने चाहिए और चेकिंग के बाद ही अंदर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। रात के समय महिला डॉक्टरों की ड्यूटी के दौरान अस्पताल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके साथ ड्यूटी पर लगे बाकी डॉक्टरों और स्टाफ का ध्यान रखा जाए। सतर्कता और सावधानी ही सुरक्षा का सर्वोत्तम उपाय है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली

पुरस्कृत पत्र

हिंसा की जड़

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या ने महिला सुरक्षा पर गंभीर चिंतन की आवश्यकता को उजागर किया है। राजनीतिक दलों को इस मुद्दे को संवेदनहीन गणित से ऊपर उठकर हल करना चाहिए। न्यायपालिका को कठोरतम सजा का प्रावधान और कार्यपालिका को सख्त कानून अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर आरोपियों को बहिष्कृत कर उन्हें दुष्कर्म से रोका जा सकता है। कार्यस्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था का आवधिक निरीक्षण और सड़कों पर एंटी रोमियो दस्तों की मुस्तैदी भी महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करेगी।
ईश्वर चन्द गर्ग, कैथल

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