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भारतीय राष्ट्रवाद का सम्यक‍् विवेचन

06:40 AM Oct 08, 2023 IST

योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’

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विख्यात लेखक एस. इरफ़ान हबीब के अंग्रेज़ी ग्रंथ का हिन्दी अनुवाद ‘भारतीय राष्ट्रवाद’ शीर्षक से राजकमल पेपरबैक्स से प्रकाशित हुआ। इस ग्रंथ की भूमिका में ही ‘भारत में राष्ट्रवाद’ को बड़े विस्तार से समझाया गया है। इरफ़ान साहब लिखते हैं- ‘आज राष्ट्रवाद का बहुत बोलबाला है, खासकर दुनिया के इस हिस्से में। बेंजामिन ज़कारिया ने 2011 में लिखी अपनी पुस्तक का उपयुक्त ही नाम दिया है : ‘प्लेइंग द नेशन गेम : द एम्बिगुटीज़ ऑफ़ नेशनलिज्म इन इंडिया’। उन्होंने पहले ही तमाम क़िस्म के राष्ट्रवादों का एक अंदाज़ा लगा लिया था जो बाद में उभरे और देश में होनेवाली किसी भी घटना को वैधता प्रदान करने का औजार बने।’
इस पुस्तक में प्रसिद्ध स्वाधीनता सेनानी महादेव गोविन्द रानाडे से लेकर स्व. जय प्रकाश नारायण तक भारतीय राजनीति के 23 ऐसे राजनीतिज्ञों के विचारों को संकलित करके लेखक ने ‘भारतीय राष्ट्रवाद’ के अतीत और वर्तमान स्वरूप पर अत्यंत विस्तार और प्रामाणिकता से गंभीर विश्लेषण प्रस्तुत किया है।
भारतीय राजनीति और दर्शन के विख्यात चिंतक श्री अरबिंदो के राष्ट्रवाद पर विचार करते हुए लेखक ने ‘राष्ट्रवाद एक ‘धर्म’ है’ शीर्षक देकर जो विश्लेषण किया है, वह निःसंदेह इस पुस्तक का प्राणतत्व कहा जा सकता है। इसी प्रकार मुस्लिम चिंतक अल्लामा इक़बाल के राष्ट्रवाद का विश्लेषण करते हुए लेखक ने ‘क्या मुत्तहिदा कौमियत इस्लाम में मुमकिन है?’ शीर्षक देकर किया है। बालगंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, सरोजिनी नायडू और महात्मा गांधी के साथ ही जवाहरलाल नेहरू, बीआर अंबेडकर, खान अब्दुल ग़फ्फ़ार खान आदि के राष्ट्रवाद विषयक चिंतन को व्यापक रूप से लेखक ने इस पुस्तक में विश्लेषित और विवेचित किया है।
स्व. सी. राजगोपालाचारी के राष्ट्रवाद विषयक चिंतन को लेकर लेखक ने सकारात्मक शीर्षक दिया है- ‘संस्कृति और राष्ट्रवाद का उदार दक्षिणपंथी नज़रिया’, जो भारतीय राष्ट्रवाद के उदार स्वरूप को उजागर कर देता है। इसी प्रकार सुभाषचंद्र बोस के संदर्भ में लेखक द्वारा लिखा गया है- ‘साम्प्रदायिकता राष्ट्रवाद नहीं है’। मुझे लगता है कि यह विश्लेषण आज के राजनीतिक परिवेश में भारतीय राष्ट्रवाद का सम्यक‍् विवेचन प्रस्तुत करता है, जो इस पुस्तक की उपलब्धि कही जाएगी।
पुस्तक : भारतीय राष्ट्रवाद : एक अनिवार्य पाठ संपादक : एस. इरफ़ान हबीब प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली पृष्ठ : 339 मूल्य : रु. 399.

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